असफलता à¤à¤• चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ है, सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करो,
कà¥à¤¯à¤¾ कमी रह गई, देखो और सà¥à¤§à¤¾à¤° करो,
जब तक न सफल हो, नींद चैन तà¥à¤¯à¤¾à¤—ो तà¥à¤®,
संघरà¥à¤·à¥‹à¤‚ का मैदान छोड़ मत à¤à¤¾à¤—ो तà¥à¤®à¥¤
―हरिवंशराय 'बचà¥à¤šà¤¨'
परीकà¥à¤·à¤¾à¤“ं का दौर ख़तà¥à¤®à¥¤ अब लगà¤à¤— सà¤à¥€ परीकà¥à¤·à¤¾à¤“ं के परिणाम आ चà¥à¤•à¥‡ हैं। हमारे करà¥à¤®à¤«à¤² अब हमारे ही हाथों अपनी गति निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करने को वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤² हो रहे हैं। जो सफल हैं, वो अपने à¤à¤¾à¤µà¥€ जीवन के नवीन उपागम को सवाà¤à¤°à¤¨à¥‡ में उलà¤à¥‡ होंगे, किनà¥à¤¤à¥ जिनके हाथों असफलता लगी, वे सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• रूप से निराश होंगे। असफल हो जाने का अरà¥à¤¥ यह नहीं कि हम में काबलियत नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ तो यह कि हम ने सचà¥à¤šà¥‡ मन से सफल होने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ ही नहीं किया।
आइये, आपको इसी संदरà¥à¤ से जà¥à¥œà¥€ à¤à¤• कहानी बताऊà¤à¥¤ किसी गाà¤à¤µ में दो लकड़हारे रहते थे। दोनों à¤à¤• साथ ही लकड़ियाठकाटने जाते थे।उनमें से à¤à¤• लकड़हारा लकड़ी काटने का काम काफी दिनों से कर रहा था,किनà¥à¤¤à¥ दूसरा लकड़हारा इस कारà¥à¤¯ को अà¤à¥€-अà¤à¥€ ही शà¥à¤°à¥‚ किया था। नया लकड़हारा, पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ लकड़हारे से हमेशा कम समय में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लकड़ियाठकाटता था। यह देख, à¤à¤• दिन पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ लकड़हारे ने नये लकड़हारे से पूछ ही बैठा,―'à¤à¤¾à¤ˆ! मैं तो इस कारà¥à¤¯ में दकà¥à¤· हूà¤, काफी दिनों से इसी कारà¥à¤¯ को कर रहा हूà¤, फिर à¤à¥€ मैं, तà¥à¤® से कम लकड़ियाठकैसे काटता, आखिर इसका कà¥à¤¯à¤¾ राज है?' नये लकड़हारे ने जवाब दिया,-' जब तà¥à¤® दोपहर के à¤à¥‹à¤œà¤¨ के बाद विशà¥à¤°à¤¾à¤® करते हो, तब मैं अपनी कà¥à¤²à¥à¤¹à¤¾à¥œà¥€ पर धार चà¥à¤¾à¤¤à¤¾ हूà¤à¥¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कà¥à¤²à¥à¤¹à¤¾à¥œà¥€ तेज होगी, तà¤à¥€ तो लकड़ियाठजà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ और जलà¥à¤¦à¥€ कटेंगी।'
कहने का तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ यह है कि यह आवशà¥à¤¯à¤• नहीं कि हम कितने दिनों से सफलता पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने की तैयारी में लगे हैं, बलà¥à¤•à¤¿ हमने अपनी योजनाओं को सफल बनानेे के लिठकितने पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨à¤¶à¥€à¤² रहे, कितनी बार धार चà¥à¤¾à¤¯à¥€à¥¤ अनà¥à¤à¤µ कितने ही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न हों, जब तक हम उस पर पà¥à¤¨à¤°à¤¾à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ की धार नहीं चà¥à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚गे, तब तक परिणाम अचà¥à¤›à¥‡ नहीं होंगे।
निराश और उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¹à¥€à¤¨ करने वाले हर विचार हमें पीछे की ओर धकेलते हैं। निराश हो जाना अथवा हिमà¥à¤®à¤¤ हार, उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¹à¥€à¤¨ होकर बैठजाना, सà¥à¤µà¤¯à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¥€ à¤à¤• बड़ा अपराध है। सà¥à¤µà¤¯à¤‚ पर विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ ही मन में उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ व सà¥à¤«à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करता है।
फà¥à¤°à¤¾à¤‚स के समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ नेपोलियन बोनापारà¥à¤Ÿ ने कहा था, 'मेरे लिठकोई à¤à¥€ कारà¥à¤¯ असंà¤à¤µ नहीं है, ये और बात है कि मैंने उस कारà¥à¤¯ को करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ ही नहीं किया।' सच ही तो है बिना पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किये कोई à¤à¥€ कारà¥à¤¯ पूरà¥à¤£ नहीं हो सकते। पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ तो हमें हर हाल में करना ही होगा। जैसे, ननà¥à¤¹à¥€à¤‚ चींटी दाना ले जाते समय सौ बार दीवारों से फिसलती है, गिरती है, फिर संà¤à¤²à¤¤à¥€ है किनà¥à¤¤à¥ हार नहीं मानती, संघरà¥à¤· करती है और मंजिल तक पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥€ है।मन का विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ à¤à¤• सकारातà¥à¤®à¤• शकà¥à¤¤à¤¿ है, जो पूरà¥à¤£ ऊरà¥à¤œà¤¾ के साथ हमारे पास पà¥à¤¨à¤ƒ-पà¥à¤¨à¤ƒ लौट कर आती है।आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है तो बस हमारे सकारातà¥à¤®à¤• सोच की जो हमें ऊरà¥à¤œà¤¾à¤µà¤¾à¤¨ बनाये रखने के लिये विवश करता है।