पà¥à¤°à¤¿à¤¯ पाठकों,
आपके हृदयसà¥à¤ªà¤°à¥à¤¶à¥€ उदगार सà¥à¤à¤¾à¤µ और समीकà¥à¤·à¤¾à¤“ं के साथ 'जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤®à¤‚जरी' ने à¤à¤• वरà¥à¤· की परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ पूरी कर ली। 'जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤®à¤‚जरी' का यातà¥à¤°à¤¾-वृतांत वैसा ही रहा, जैसे किसी मारà¥à¤— पर चलते पथिक का जीवन अनà¥à¤à¤µ हो....आरोह और ....