अजीब विशेषताओं वाले वृक्ष

जल बरसाने वाला वृक्ष

इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में एक ऐसा वृक्ष à¤‡à¤‚डोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में एक ऐसा वृक्ष à¤ªà¤¾à¤¯à¤¾ जाता है जो जल बरसाता है। दोपहर के समय जब सूर्य की किरणें काफी तेज चमकती हैं, तब यह पेड़ हवा द्वारा भाप ग्रहण करता है, कुछ देर बाद यह भाप एकत्र होकर जल के रूप में बरसने लगती है। पेड़ के नीचे थोड़ी देर में अच्छा खासा घड़ा भर जाता है।

रोने वाला पेड़

वेस्टइंडीज के सुडान इलाके में एक विचित्र पेड़ पाया जाता है। इसे 'मोर्निगट्री' अर्थात् रोने वाला पेड़ कहते हैं। इस पेड़ से दिन में सुरीली आवाज निकलती है। पर शाम होते ही सुरीली आवाज की जगह रोने की आवाज आने लगती है।
इस सुरीली आवाज और रोने के से स्वरों का कारण वनस्पति शास्त्री यह बताते हैं कि सूर्य के प्रकाश में पौधे के शरीर की किशिकाओं में स्टार्च बनता है और सूर्यास्त के उपरान्त यही स्टार्च घुलनशील शक्कर में परिवर्तित हो जाती हैं।इसी कारण से स्वर परिवर्तन होता है।

दैत्य वृक्ष

संसार में ऐसे अनेक वृक्ष पाये जाते हैं जिनको 'दैत्य वृक्ष' कहा जाता है। 'एमोर फोफैलस टिटेनम' नाम के एक पौधे का फूल लगभग 6 फुट लम्बा होता है। इसी प्रकार 'विक्टोरिया रेगिया' नामक पौधा जो पानी का पौधा होता है, इसकी पत्ती भी लगभग 6 फुट की होती है। आस्ट्रेलियन गम वृक्ष भी अपने विशाल आकार की बराबरी नहीं रखते। प्रायः ये वृक्ष 470 फुट ऊँचे होते हैं।
मोनाको के एक्सोइन बगीचे में संसार का सबसे आश्चर्यजनक 'केक्टाई पौध-संग्रह' है जिनमें कुछ केक्टाई पंद्रह फीट तक ऊँची है। दूर से वे किसी राक्षस से कम डरावनी नहीं लगती। अफ्रीका के जंगलों में भी ऐसे कई विशाल वृक्ष मिलते है।
संसार में लगभग 2,35000 प्रकार के वृक्ष पाये जाते हैं। इनमें से कई पेड़ों की अपनी-अपनी विचित्रताएं होती हैं।


लेखक परिचय :
मनोज कुमार सैनी
फो.नं. -9785984283
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