सामान्य ज्ञान अगस्त 2014 : विज्ञान व प्रोद्योगिकी
  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation-इसरो) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है जिसका मुख्यालय कर्नाटक प्रान्त की राजधानी बंगलुरू में है।
  •  à¤…न्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है।
  •  à¤­à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की स्‍थापना 1969 में की गई। भारत सरकार द्वारा 1972 में 'अंतरिक्ष आयोग' और 'अंतरिक्ष विभाग' के गठन से अंतरिक्ष शोध गतिविधियों को अतिरिक्‍त गति प्राप्‍त हुई।
  •  à¤­à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में 70 का दशक प्रयोगात्‍मक युग था जिस दौरान 'आर्यभट्ट', 'भास्‍कर', 'रोहिणी' तथा 'एप्पल' जैसे प्रयोगात्‍मक उपग्रह कार्यक्रम चलाए गए।
  •  à¤‡à¤¸à¤°à¥‹ की व्‍यावसायिक शाखा एंट्रिक्‍स, भारतीय अंतरिक्ष सेवाओं का विपणन विश्‍व भर में करती है।
  •  à¤‡à¤¸à¤°à¥‹ ने दो प्रमुख अंतरिक्ष प्रणालियाँ स्थापित की हैं- संचार, दूरदर्शन प्रसारण और मौसम विज्ञानीय सेवाओं के लिए इन्सैट और संसाधन मॉनीटरन तथा प्रबंधन के लिए भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह (आईआरएस)।
  • आर्यभट्ट भारत का पहला उपग्रह था। इसका नामकरण भारत के प्राचीन गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर किया गया। इसे 19 अप्रॅल 1975 को रूस के लॉन्चिंग स्टेशन कपूस्टिन यार से लॉन्च किया गया। इस उपग्रह का निर्माण एक्स रे खगोलिकी वायुगतिकी और सौर भौतिकी पर परीक्षण करने के लिए किया गया था।
  •  à¤‡à¤¸à¤°à¥‹ ने इन्सैट और आईआरएस उपग्रहों को अपेक्षित कक्षा में स्थापित करने के लिए पीएसएलवी और जीएसएलवी, दो उपग्रह प्रमोचन यान विकसित किए हैं।
  •  à¤à¤ªà¥à¤ªà¤² का पूरा नाम एरियन पैसेंजर पेलोड एक्सपेरीमेंट था। यह भारत में निर्मित पहला संचार उपग्रह था। यह प्रायोगिक संचार उपग्रह था, जिसमें केवल सी-बैंड ट्रांसपांडर थे। इस उपग्रह के इस्तेमाल से टेलीविजन कार्यक्रमों के प्रेषण और रेडियो नेटवर्किंग जैसे संचार परीक्षण किए गए।
  •  à¤¡à¥‰. विक्रम साराभाई- 12 अगस्त 1919 को अहमदाबाद में जन्मे विक्रम इसरो के पहले चैयरमेन थे।
  • डॉ. सतीश धवन- वे 1972 में इसरो के चेयरमैन बने। लंबे कार्यकाल के दौरान देश के अंतरिक्ष कार्यक्रमों ने लंबी छलांग लगाई।
  • प्रो. यू. आर. राव- अंतरिक्ष वैज्ञानिक और इसरो के भूतपूर्व चेयरमैन। आर्यभट्ट, एप्पल, इनसैट और आईआरएस तंत्र के विकास में अहम भूमिका।
  • डॉ. के. कस्तूरीरंगन- इसरो के भूतपूर्व चेयरमैन जिन्होंने 9 साल तक अंतरिक्ष कार्यक्रम को संभाला।
  • जी माधवन नायर- इसरो के वर्तमान में चेयरमैन। वे राकेट तंत्रों के क्षेत्र में मशहूर तकनीकी विशेषज्ञ हैं।
  • भारत ने अपने पहले मंगल ग्रह परिक्रमा अभियान (एमओएम) के लिए ध्रुवीय रॉकेट को 5 नवम्बर, 2013 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करके इतिहास रच दिया।

लेखक परिचय :
मोहम्मद इमरान खान
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