खिले फूलों का गà¥à¤²à¤¿à¤¸à¥à¤¤à¤¾ हो à¤à¤¾à¤°à¤¤ ये अपना ,
वो नेहरू की चाहत , वो गांधी का सपना ………………।।
हिनà¥à¤¦à¥‚ , मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® , सिख , इसाई à¤à¤• नूर है à¤à¤• हैं à¤à¤¾à¤ˆ ,
छोड़ो जाति , धरà¥à¤® और मजहब की लड़ाई ,
मन से मन ये मिला लो तà¥à¤® अपना ,
वो नेहरू की चाहत , वो गांधी का सपना ……………………।।
सपनों का à¤à¤¾à¤°à¤¤ , वो सपनों की बातें ,
बहà¥à¤¤ याद आतीं हैं वो दिन वो रातें ,
नहीं à¤à¥‚लता है माठका रोना , बापू का सिसकना ,
वो नेहरू की चाहत , वो गांधी का सपना ………………….।।
हम à¤à¤• हैं à¤à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤ है अपना ,
फूलों की सेज पर फिर à¤à¥€ काà¤à¤Ÿà¥‹à¤‚ का चà¥à¤à¤¨à¤¾ ,
वो नेहरू की चाहत वो गांधी का सपना …………………।।