हवा के à¤à¥‹à¤•à¥‹à¤‚ में आशियानों को उड़ते हमने देखा है ,
बरसाती बारिश में आंसà¥à¤“ं को मिलते हमने देखा है ,
सिमट कर सिसक कर , किसी अंधेरे गलियारे में ,
हर गरीब बचà¥à¤šà¥‡ के बचपन को , खोते हमने देखा है ,
नहीं निकलता धूप में कोई , कि चरà¥à¤® काला न पड़ जाठ,
चिलचिलाती धूप में , कई बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को नंगे-पांव चलते हमने देखा है ,
हवा के à¤à¥‹à¤‚कों में ................................................... ।।
न सà¥à¤•à¥‚ल , न पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• , न गà¥à¤°à¥ के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की चाहत ,
कई मासूम बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को मांगते à¤à¥€à¤– , हमने देखा है ,
बहà¥à¤¤ मजबूर हैं वो बचà¥à¤šà¥‡ जो रो कर à¤à¥‚खे सोते हैं ,
बहà¥à¤¤ आलीशान होता है , उनके साहिब का बंगला ,
जिनके घरों में , ये बचà¥à¤šà¥‡ मजदूर होते हैं ,
बहà¥à¤¤ लंबी गाड़ी है , वातानà¥à¤•à¥‚लित à¤à¥€ ,
कई बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को शीशे पर रख कर हाथ चलते हमने देखा है,
हवा के à¤à¥‹à¤‚कों में................................................. ।।
नहीं देता है है धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ , कोई उस ननà¥à¤¹à¥€ सी जान पर ,
सरकारी असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤²à¥‹à¤‚ की गलियों में , जो सिमट कर सोया होता है ,
बहà¥à¤¤ बीमार है वो बचà¥à¤šà¤¾ , माठà¤à¥€ खूब रोती है ,
पर वो मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤•à¤° , माठके आà¤à¤šà¤² में दम तोड़ देता है ,
मà¥à¤à¥‡ मालूम है , वो बहà¥à¤¤ खà¥à¤¦à¤—रà¥à¤œ होता है ,
नहीं तो जिंदगी की à¤à¥€à¤– मांगते बहà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को देखा है ,
खतà¥à¤® नही होती कहानी , उसकी मौत पर à¤à¥€ मानते जशà¥à¤¨ अमीरों को हमने देखा है ,
हवा के à¤à¥‹à¤‚कों में .................................................. ।।