राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤§à¥à¤µà¤œ को मेरा नमन, आप सà¤à¥€ का में हृदय से सà¥à¤µà¤¾à¤—त करता हूं। और ये पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ आपके साथ बांटना चाहूगां।
यह तो à¤à¤• पड़ाव है,हमें आगे बढ़ते जाना है
à¤à¤°à¤¨à¥‹à¤‚ से संतोष नहीं करना, पूरा सागर पाना है
छोटे शहरों के छोटे उतà¥à¤¸à¤µ, अब हमारी मंजिल नहीं
सूरज की किरणों की तरह, हमको दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ पर छा जाना है!
आज हमारे मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का 59 वा सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ दिवस दिवस है। हमारे लिठसबसे गौरब की बात तो यह है कि आज हम मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का 59 वा सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ दिवस मना रहे हैं। अविà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ राजà¥à¤¯ पà¥à¤¨à¤°à¥à¤—ठन आयोग की अनà¥à¤¶à¤‚सा पर आज के दिन 1 नवमà¥à¤¬à¤° 1956 को हà¥à¤† था। 31 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर 2000 को मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का विà¤à¤¾à¤œà¤¨ होकर आज ही के दिन 1 नवमà¥à¤¬à¤° 2000 पà¥à¤¨à¤°à¥à¤—ठित मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ से कà¥à¤› जिलों के साथ छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ढ़ राजà¥à¤¯ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ हà¥à¤ˆà¥¤
दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में हमारा मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ जगमगाते दीपक के समान है, जिसकी रोशनी की सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ अलग पà¥à¤°à¤à¤¾ और पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ है। यह विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की अनेकता में à¤à¤•à¤¤à¤¾ जैसा आकरà¥à¤·à¤• गà¥à¤²à¤¦à¤¸à¥à¤¤à¤¾ है, मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ जिसे पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ ने राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की वेदी पर जैसे अपने हाथों से सजाकर रख दिया है, हमारे मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का सतरंगी सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ और मनमोहक सà¥à¤—नà¥à¤§ चारों और फैल रहें हैं। हमारे मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के जनपदों की आबोहवा में कला, साहितà¥à¤¯ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की मधà¥à¤®à¤¯à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤¸ तैरती रहती है। हमारे मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के लोक समूहों और जनजाति समूहों में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ नृतà¥à¤¯ संगीत , गीत की रसधारा सहज रूप से फूटती रहती है। हमारे मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का हर दिन परà¥à¤µ की तरह आता है और जीवन में आननà¥à¤¦ का रस घोलकर सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ के रूप में चला जाता है। हमारे पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के तà¥à¤‚ग-उतà¥à¤‚ग शैल शिखर विनà¥à¤§à¥à¤¯-सतपà¥à¤¡à¤¼à¤¾ , मैकल-कैमूर की उपतà¥à¤¯à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤¤à¤° से गूॅजते अनेक पौराणिक आखà¥à¤¯à¤¾à¤¨ और नरà¥à¤®à¤¦à¤¾, सोन, सिनà¥à¤§, चमà¥à¤¬à¤², बेतवा केन , घसान, तवा आदि सर सरिताओं के उदà¥à¤°à¤® और मिलन की मिथकथाओं से फूटती सहसà¥à¤¤à¥à¤° धाराà¤à¥… यहाॅ के जीवन को आपà¥à¤²à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ ही नहीं करती बलà¥à¤•à¤¿ परितृपà¥à¤¤ à¤à¥€ करती हैं।
दोसà¥à¤¤à¥‹ आज इस गौरवपूरà¥à¤£ अवसर पर संत विनोबा à¤à¤¾à¤µà¥‡ की à¤à¤• कहानी याद आती है, संत विनोबा à¤à¤¾à¤µà¥‡ के पास à¤à¤• दिन à¤à¤• छातà¥à¤° आया और पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® करके उनके निकट बैठगया। उसे देखकर विनोबाजी ने à¤à¤• कागज के कई टà¥à¤•à¥‡à¤¡à¥‡ उसकी ओर बढ़ा दिये और कहा-इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जोड़कर à¤à¤¾à¤°à¤¤ का नकà¥à¤¶à¤¾à¤° बनाओ । वह छातà¥à¤° उन टà¥à¤•à¤¡à¤¼à¥‹à¤‚ को बहà¥à¤¤ देर तक जोड़ता रहा, लेंकिन à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सही नकà¥à¤¶à¤¾à¥‹ नहीं बना सका। वहीं विनोबाजी के साथ चलने वाला यà¥à¤µà¤• यह कारà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¹à¥€ देख रहा था। उस छातà¥à¤° को निराश व उदास देखकर व बोला-बाबा आप कहें तो में इस à¤à¤¾à¤°à¤¤ के नकà¥à¤¶à¥‡à¤¾ को बनाऊं । तà¤à¥€ विनोबाजी ने कहा हाॅ बनाओ,तà¥à¤® à¤à¥€ कोशिश करो अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ मिलते ही उसने सारे टà¥à¤•à¤¡à¥‹à¤‚ को जोड़कर à¤à¤¾à¤°à¤¤ का नकà¥à¤·à¤¾ बना दिया। नकà¥à¤¶à¥‡à¤¨ को देखकर विनोबाजी ने पूछो तà¥à¤®à¤¨à¥‡ इतनी शीधà¥à¤°à¤¤à¤¾ से यह काम कैसे कर दिया? यà¥à¤µà¤• बोला-बाबा इन टà¥à¤•à¤¡à¤¼à¥‹à¤‚ के पीछे जहाॅ à¤à¤• ओर à¤à¤¾à¤°à¤¤ का नकà¥à¤¶à¤¾à¤¨ बना हà¥à¤† है। वहीं पीछे à¤à¤• आदमी का चितà¥à¤° बना हà¥à¤† है। मैंने उस आदमी का चितà¥à¤° जोड़ दिया और नकà¥à¤¶à¤¾ अपने आप बन गया। विनोबाजी ने उस छातà¥à¤° से कहा जीवन में यह बात गांठबांध लो कि यदि हमें इस विशाल देश को जोड़ना है, तो उससे पहले यहां रहने वाले आदमियों को जोड़ना होगा। आदमी जà¥à¤¡ जाà¤à¤—ा तो देश à¤à¥€ जà¥à¤¡à¤•à¤° महान हो जाà¤à¤—ा।
à¤à¤¸à¥‡ ही हमें à¤à¥€ मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को जोड़े रखना होगा तà¤à¥€ हमारा मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ जà¥à¤¡à¤¼à¤•à¤° महान हो जाà¤à¤—ा।
है मन में कोई गीत, तो आज गà¥à¤¨à¤—à¥à¤¨à¤¾ दीजिà¤,
कोई दà¥à¤– कोई उलà¤à¤¨ तो हाल सà¥à¤¨à¤¾ दीजिà¤à¥¤
है मन में अगर पà¥à¤°à¥‡à¤®, तो मà¥à¤¸à¥à¤•à¤°à¤¾ दीजिà¤,
जो चलना हो साथ, हाथ बढ़ा दीजिà¤à¥¤