सामानà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ मई 2014 : à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ इतिहास
- ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦ में 'धरà¥à¤® ' शबà¥à¤¦ विधि (laws) के अरà¥à¤¥ में पà¥à¤°à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ हà¥à¤† है। इसका समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ नैतिकता से है। धरà¥à¤® के अतिरिकà¥à¤¤ दूसरा शबà¥à¤¦ ' ऋत ' मिलता है, 'ऋत ' का अरà¥à¤¥ विशà¥à¤µ की नैतिक à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से माना जाता है। ' ऋत ' का अरà¥à¤¥ है-' सतà¥à¤¯ तथा अविनाशी सतà¥à¤¤à¤¾à¥¤'
- ' इंडिया हाउस ' à¤à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ संगठन है। इसकी सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ 1905 में लंदन में शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤œà¥€ कृषà¥à¤£ वरà¥à¤®à¤¾ ने की थी। इस संगठन ने लनà¥à¤¦à¤¨ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ लोगों में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤ जगाने का कारà¥à¤¯ किया। इस संगठन के à¤à¤°à¤£-पोषण के लिठबà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सरकार से किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की निधि à¤à¥‡à¤œà¥€ नहीं जाती थी।
- वरà¥à¤§à¤¾ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ छोड़ो आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ के बाद 8 अगसà¥à¤¤, 1942 को बमà¥à¤¬à¤ˆ के à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° टैंक मैदान में ' à¤à¤¾à¤°à¤¤ छोड़ो आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ ' पास किया गया तथा यहीं पर गांधीजी ने ' करो या मरो' ( do or die) का मनà¥à¤¤à¥à¤° दिया। इस आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ के दौरान अहमदाबाद, मदà¥à¤°à¤¾à¤¸, बंगलौर, सहारनपà¥à¤° आदि में मजदूरों की हड़ताल से फैकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤ बंद हो गई। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के संचार साधनों को नषà¥à¤Ÿ कर दिया गया, रेलवे पटरियाठउखाड़ दी गई, डाकखाने व सरकारी इमारतें शà¥à¤°à¤®à¤¿à¤• वरà¥à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जला दी गई।
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