दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के महानतमॠगणितजà¥à¤žà¥‹à¤‚ में से à¤à¤• लियोनारà¥à¤¡à¥‹ फिबोनकी इटली के रहने वाले थे। उनका जनà¥à¤® 1175 ई. में हà¥à¤† था। यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ आज फिबोनकी मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से फिबोनकी कà¥à¤°à¤® के कारण ही अधिक पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ हैं, पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने गणित की अनà¥à¤¯ शाखाओं पर à¤à¥€ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कारà¥à¤¯ किया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पाई (π) का मान 3.1410 और 3.1427 के बीच निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ किया था। साथ ही उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ हल करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ किया जिनके उतà¥à¤¤à¤° ऋणातà¥à¤®à¤• होते हैं, जैसे '5 में से 8 घटाया जाठतो'। इस पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ का उतà¥à¤¤à¤° उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने '3 का करà¥à¤œ' के रूप में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया था कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उस समय गणितजà¥à¤ž यह नहीं मानते थे कि संखà¥à¤¯à¤¾à¤à¤ ऋणातà¥à¤®à¤• à¤à¥€ हो सकती हैं। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के कारà¥à¤¯à¥‹ के फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प ही उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 'अपने समय से पूरà¥à¤µ का' गणितजà¥à¤ž माना जाता है।
फिबोनकी के नाम पर संखà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का जो कà¥à¤°à¤® है वह à¤à¥€ कम रोचक नहीं है। ये कà¥à¤°à¤® है 1, 2, 3, 5, 8, 13, 21, 34……… आदि। चूà¤à¤•à¤¿ सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ फिबोनकी नामक गणितजà¥à¤ž ने ही खोजा था इसलिठइन संखà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को फिबोनकी नमà¥à¤¬à¤° के नाम से जाना जाता है। शायद ही कोई à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° हो जहाठइनका पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— न होता हो। परमाणॠके नाà¤à¤¿à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, वासà¥à¤¤à¥à¤•à¤²à¤¾ और यहाठतक कि अनेक जगत पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ इनका करिशà¥à¤®à¤¾ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ à¤à¤²à¤•à¤¤à¤¾ है।