ऐसा क्यों होता है?

1:- दर्पण से बने प्रतिबिम्ब में वर्ण-विपथन नहीं होता है, क्यों ?
उत्तर:-दर्पण के द्वारा परावर्तन की क्रिया में आपतन कोण सदैव परावर्तन कोण के बराबर होता है। परावर्तन कोण का मान प्रकाश के रंग पर निर्भर नहीं करता। अतः दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब में वर्ण-विपथन नहीं होता।
2:- फ्यूज बल्ब में पानी भरकर देखने पर किताब के अक्षर बड़े दिखाई देते हैं। क्यों ?
उत्तर:- बल्ब की दीवारें उभरी हुई होती हैं। पानी डालने पर वह उत्तल लेंस की तरह कार्य करने लगता है। अतः अक्षर आवर्धित होकर बड़े दिखाई देते हैं।
3:- कभी-कभी सूर्य या चन्द्रमा के चारों ओर प्रभामंडल दिखाई देता है। क्यों ?
उत्तर:- जब सूर्य या चन्द्रमा पतले बादल से ढँके होते हैं, तभी प्रभामंडल दिखाई देता है। वास्तव में बादल में बर्फ के ढेर सारे छोटे-छोटे क्रिस्टल होते हैं। इन बर्फीले क्रिस्टलों से प्रकाश का अपवर्तन होता है, जिसके कारण ही प्रभामंडल दिखाई देता है।
4:- सोडियम लैम्प के प्रकाश में नीले रंग की वस्तु काली दिखाई देती है। क्यों ?
उत्तर :- अपारदर्शी वस्तु जिस रंग को परावर्तित करती है, उसी रंग की दिखाई देती है। नीले रंग की वस्तु पर जब प्रकाश डाला जाता है तो वह केवल नीले रंग के प्रकाश को ही परावर्तित करती है, शेष रंगों को अवशोषित कर लेती है। अतः जब नीले रंग की वस्तु को सोडियम लैम्प के प्रकाश (पीला प्रकाश) में रखा जाता है तो वह पीले रंग को अवशोषित कर लेती है, किसी रंग को परावर्तित नहीं करती जिससे वह वस्तु काली दिखाई देती है।
5:- धूप के चश्मे के काँच वक्रीय (curved) होते हैं, फिर भी इनकी क्षमता शून्य होती है, क्यों ?
उत्तर :- धूप के चश्मे के काँच की बाहरी और आन्तरिक सतहें परस्पर समान्तर होती हैं तथा उनकी वक्रता-त्रिज्याएँ बराबर होती हैं। फलस्वरूप चश्मे के काँच की फोकस-दूरी अनन्त होती है। अतः क्षमता शून्य होती है।


लेखक परिचय :
मोहम्मद इमरान खान
फो.नं. -+91 9785984283
ई-मेल - [email protected]
इस अंक में ...