à¤à¤• किसान अपने घर में à¤à¤• चूहेदानी खरीद कर ले आया . चूहेदानी देखते ही उसके घर में रह रहा चूहा डर गया . à¤à¤¾à¤—ता हà¥à¤† वह मà¥à¤°à¥à¤—ी के पास गया और उसे अपना दà¥à¤–ड़ा सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‡ लगा . मà¥à¤°à¥à¤—ी ने कहा '' किसान चूहे दानी लेकर आया ही , मà¥à¤°à¥à¤—ेदानी नहीं, इसलिठडरने की जरà¥à¤°à¤¤ तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ है , मà¥à¤à¥‡ नहीं .
चूहा मायूस हो गया . अब वह बकरी के पास सहायता माà¤à¤—ने गया . बकरी ने à¤à¥€ कहा , '' इसमें मैं à¤à¤²à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ मदद कर सकती हूठ, अब तो तà¥à¤® मरने को तैयार रहो '' . चूहा बहà¥à¤¤ à¤à¤¯à¤à¥€à¤¤ हो गया , अब वह दिलासे या मदद की उमà¥à¤®à¥€à¤¦ लेकर वह सूअर के पास गया . सूअर ने उसकी पूरी बात सà¥à¤¨à¥€ और फिर किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की सहायता करने में अपनी असमरà¥à¤¥à¤¤à¤¾ जता कर करवट बदल कर सो गया . चूहा बहà¥à¤¤ निराश हो गया और रà¥à¤†à¤à¤¸à¤¾ हो कर अपने बिल में जा छà¥à¤ªà¤¾ .
अगली ही रात किसान की बीबी को रसोईघर से कà¥à¤› बरà¥à¤¤à¤¨ गिरने की आवाज़ आई . वो लाठी लेकर दौड़ी . दरअसल चूहेदानी में à¤à¤• साà¤à¤ª फà¤à¤¸ गया था और उसी के छटपटाने से आवाज़ आ रही थी . जब किसान की बीबी लाठी लेकर पहà¥à¤à¤šà¥€ तो साà¤à¤ª ने उसे काट लिया , परिणाम सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª किसान को अपनी बीबी को असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² ले जाना पड़ा . डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ ने किसान को सलाह दी कि वो अपनी बीबी को घर ले जाठऔर उसकी तीमारदारी करे . उसे चिकन सूप पिलाये . किसान ने अपनी बीबी के सेहत को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ मà¥à¤°à¤—ी को मार दिया और चिकन सूप बनाकर उसे पिलाने लगा . किसान की बीमार बीबी को देखने सगे - समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की à¤à¥€à¥œ घर में जà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡ लगी . उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥‹à¤œà¤¨ कराने के लिठकिसान ने बकरी को काट दिया . बहà¥à¤¤ देखà¤à¤¾à¤² करने के बाद à¤à¥€ किसान की बीबी ठीक न हो पाई और मर गई . अब पूरे गांव को à¤à¥‹à¤œà¤¨ कराना था . तो किसान ने सूअर को मार दिया .
इस कहानी से यही सीख मिलती है कि अमूमन हम समà¤à¤¤à¥‡ हैं कि दूसरे की समसà¥à¤¯à¤¾ सिरà¥à¤« दूसरे की ही है . पर कब देखते - देखते वह हमारी समसà¥à¤¯à¤¾ बन जाती है पता ही नहीं चलता . इसलिठमà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤ जब पहली बार दसà¥à¤¤à¤• दे तà¤à¥€ हमें मिलकर इसका मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¤¾ करना चाहिठ.