शनिवार ,21मारà¥à¤š 2015 को हमारे राजà¥à¤¯ में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ अवकाश घोषित किया गया है। इस सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤ में जब मैंने अपने साथियों से बात करनी चाही और जानना चाहा कि आखिर इस दिन कि कà¥à¤¯à¤¾ विशेषता है, तो मिलने वाले सà¤à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ का निचोड़ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ परà¥à¤µ निकला। दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤µà¤¶ किसी को ये नहीं पता था कि इस दिन à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नववरà¥à¤· विकà¥à¤°à¤® संवत 2072 का आरमà¥à¤ हो रहा है। यूठतो à¤à¤¾à¤°à¤¤ तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का देश कहलाता है और लगà¤à¤— सारे तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° इसी à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कैलेणà¥à¤¡à¤° विकà¥à¤°à¤® संवत पर आधारित होते हैं, फिर à¤à¥€ इसकी सही जानकारी कितने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ को है? यदि हम इस जानकारी से वंचित हैं तो यह हमारे लिठकिसी दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से कम नहीं होगा।
चलिà¤, आइठहम कà¥à¤› अपनी उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को करीब से जाने और अपनी शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ ता पर नाज करें। कà¥à¤¯à¤¾ आप जानते हैं कि जो कैलेणà¥à¤¡à¤° हमारे घर की दीवारों पर टंगे होते हैं और जिसके आधार पर हमारी दिनचरà¥à¤¯à¤¾ का निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ होता है, दरसल वह कैलेणà¥à¤¡à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संवत की ही देन है।
विकà¥à¤°à¤® संवत हिनà¥à¤¦à¥‚ पंचांग में समय गणना की पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ का नाम है। विकà¥à¤°à¤® संवत 57 ई. पू. आरमà¥à¤ हà¥à¤†, जिसके पà¥à¤°à¤£à¥‡à¤¤à¤¾ समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ विकà¥à¤°à¤®à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ को माना जाता है। यह वही विकà¥à¤°à¤®à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ हैं जिनके दरबारी रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ में कवि कालिदास हà¥à¤† करते थे। उस समय किसी 'संवत' को चलाने का शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ नियम यह था कि जिस नरेश को अपना संवत चलाना होता, उसे संवत चलाने से पूरà¥à¤µ अपने राजà¥à¤¯ में जितने à¤à¥€ लोग, जो ऋणी होते, उनका ऋण अपनी ओर से चà¥à¤•à¤¾à¤¨à¤¾ होता था।
विकà¥à¤°à¤® संवत अतà¥à¤¯à¤‚त पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ संवत है। साथ ही ये गणित की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से अतà¥à¤¯à¤‚त सà¥à¤—म और सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ ठीक हिसाब रखकर निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ किया गया है, जो विकà¥à¤°à¤® संवत पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ पर आधारित है।  बारह महीने का à¤à¤• वरà¥à¤· और सात दिन का à¤à¤• सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ रखने का पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¨ विकà¥à¤°à¤® संवत से ही शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤†à¥¤ इसमें महीने का हिसाब सूरà¥à¤¯ व चनà¥à¤¦à¥à¤° की गति पर रखा जाता है। ये बारह राशियाठबारह सौर मास हैं। जिस दिन सूरà¥à¤¯ जिस राशि में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करता है उसी दिन की संकà¥à¤°à¤¾à¤‚ति होती है। पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ के दिन, चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ जिस नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° में होता है, उसी आधार पर महीनों का नामकरण हà¥à¤† है। चनà¥à¤¦à¥à¤° वरà¥à¤· सूरà¥à¤¯ वरà¥à¤· से 11 दिन 3 घंटे 48 मिनट छोटा है इसलिठहर 3वरà¥à¤· में इसमें 1 महीना जोड़ दिया जाता है। चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤—ति पर आधारित à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कैलेणà¥à¤¡à¤° की यह à¤à¥€ विशेषता है कि यह पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के साथ सामंजसà¥à¤¯ रखता है। इसी के आधार पर गणना कर हम सूरà¥à¤¯-चनà¥à¤¦à¥à¤° और अनà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚-नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के बारे में सही-सही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ होता है। यह केवल इसी कैलेणà¥à¤¡à¤° की विशेषता है जिसमें यह निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ है कि सूरà¥à¤¯à¤—à¥à¤°à¤¹à¤£ अमावसà¥à¤¯à¤¾ और चंदà¥à¤°à¤—à¥à¤°à¤¹à¤£ मासिक पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ को होगा। इसी के माधà¥à¤¯à¤® से हजारों वरà¥à¤· पीछे व आगे की गणना सटीक ढंग से किया जाता है।
विशà¥à¤µ में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ समसà¥à¤¤ संवत पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ विकà¥à¤°à¤® संवत पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ विशà¥à¤µ की सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨, सूकà¥à¤·à¥à¤®à¤¤à¤® à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤µà¥ˆà¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• है। चैतà¥à¤° शà¥à¤•à¥à¤² पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¦à¤¾ को ही नववरà¥à¤· मनाने के अनेक कारण हैं। इस पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ के आधार पर यह माना जाता है कि पृथà¥à¤µà¥€ का उदय इसी दिन हà¥à¤† था और यह à¤à¥€ माना जाता है कि इसी दिन à¤à¤—वान राम का राजà¥à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• हà¥à¤† था। इस दिन सिनà¥à¤§à¥€ समाज के आराधà¥à¤¯ à¤à¤—वान à¤à¥‚लेलाल जी की जयंती होती है और इसी दिन पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ªà¥€ राजा विकà¥à¤°à¤®à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ ने शकों को हराकर 'विकà¥à¤°à¤®à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯' की उपाधि धारण की थी।
उतà¥à¤¸à¤µ मनाने के कारण चाहे जो à¤à¥€ हों, यहाठजरà¥à¤°à¥€ है तो बस यह  कि हमारे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ होने की पहचान बनी रहे, गरà¥à¤µ बना रहे। और à¤à¤¸à¥‡ में यदि हमें सà¥à¤µà¤¯à¤‚ (à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ ) की जानकारी ही न हो, तो फिर गरà¥à¤µ करने का आधार कà¥à¤¯à¤¾ होगा..?
उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹, उमंग, सà¥à¤–-समृदà¥à¤§à¤¿, ऊरà¥à¤œà¤¾ और खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से  à¤à¤°à¥‡ सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ रूपी आरती लेकर , चलो, आओ नववरà¥à¤· का शà¥à¤ सà¥à¤µà¤¾à¤—त करें। इसी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ के साथ कि ―
"दरà¥à¤¦ जो दà¥à¤ƒà¤– का कारण बना,
घà¥à¤Ÿà¤¨ की तलà¥à¤–ियों से था सना।
इस वरà¥à¤·, हे पà¥à¤°à¤à¥! इनका हरण हो,
नववरà¥à¤·, तेरा शà¥à¤ आगमन हो।।"