पà¥à¤°à¤¿à¤¯ पाठकों,
आपके हृदयसà¥à¤ªà¤°à¥à¤¶à¥€ उदगार सà¥à¤à¤¾à¤µ और समीकà¥à¤·à¤¾à¤“ं के साथ 'जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤®à¤‚जरी' ने à¤à¤• वरà¥à¤· की परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ पूरी कर ली। 'जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤®à¤‚जरी' का यातà¥à¤°à¤¾-वृतांत वैसा ही रहा, जैसे किसी मारà¥à¤— पर चलते पथिक का जीवन अनà¥à¤à¤µ हो....आरोह और अवरोहों से à¤à¤°à¤¾ हà¥à¤†à¥¤ पूरà¥à¤£à¤¤à¤ƒ जà¥à¤žà¤¾à¤¨-विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ पर आधारित होने के बावजूद, हमने इसमें साहितà¥à¤¯ की à¤à¥€à¤¨à¥€ छीटों से कà¤à¥€-à¤à¥€ परहेज नहीं किया, ताकि आपकी मंजरी मातà¥à¤° शà¥à¤·à¥à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का परिचायक बनकर न रह जाठबलà¥à¤•à¤¿ रागातà¥à¤®à¤• संबंधों की चरम पराकाषà¥à¤ ा की पà¥à¤°à¤®à¥‡à¤¯ निषà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ का आà¤à¤¾à¤¸ à¤à¥€ बना रहे, जिससे हम सबको जà¥à¤žà¤¾à¤¨ रूपी आननà¥à¤¦ की अनà¥à¤à¥‚ति होती रहे। पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ की सफलता बहà¥à¤¤à¥‡à¤°à¥‡ इसी समागम का नतीजा है।
इसकी शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कर और कैसे हà¥à¤ˆ यह रहसà¥à¤¯ के आवरण में लिपटा रहे तो शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¸à¥à¤•à¤° होगा, किनà¥à¤¤à¥ इसे वेब-पटल पर लाने के पीछे का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ सदैव से ही जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤œà¤¨ रहा और रहेगा। जब हमने इसके पहले अंक को निकाला था, तो उस वक़à¥à¤¤ यह सोचा à¤à¥€ नहीं था कि हमारे इस छोटे से पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ को आप सà¤à¥€ का इतना सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ और सहयोग मिलेगा। à¤à¤¸à¤¾ नहीं है कि हमने समाज की मानवीय कमजोरियों, मानसिक सà¥à¤–लन और लाकà¥à¤·à¤£à¤¿à¤• शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के बाण न à¤à¥‡à¤²à¥‡ हों, मगर इससे हमें और à¤à¥€ हौसला मिला, साथ ही इसमें आपका हौले से हमें आगे बढ़ाने की रजामंदी à¤à¥€ दिखी।
वैसे अब तक आप पाठकगणों ने हमारा पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤·-अपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· रूप से बहà¥à¤¤ सहयोग दिया और आगे à¤à¥€ हमें, आपके कीमती सà¥à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ व दिशा-निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ बनी रहेगी। यह पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ पूरà¥à¤£à¤°à¥‚प से आपकी है, आगे के अंकों में आप अपनी इस पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ में कà¥à¤¯à¤¾ पढ़ना चाहेंगे, इससे हमें अवशà¥à¤¯ अवगत कराà¤à¤, ताकि अपनतà¥à¤µ व जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤œà¤¨ की रोचकता बनी रहे।
अंत में, मैं अपने 'जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤®à¤‚जरी'की पूरी टीम को बधाई देना चाहती हूà¤, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ के हर अंक में आने वाले उतार-चढ़ाव में अपना संयम बनाठरखा। मैं कृतजà¥à¤ž हूà¤, उन नठरचनाकारों, संकलनकरà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¾à¤“ं और सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€-सà¥à¤¤à¤‚ठलेखकों की, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤à¤¤à¤®à¥ समय में से कà¥à¤› कà¥à¤·à¤£ निकालकर 'जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤®à¤‚जरी' को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया। और इस दरमियान अगर मैं शà¥à¤°à¥€ इमरान खान जी (पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤•) का जिकà¥à¤° न करूठतो पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ की सफलता का बखान करना वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हमेशा पूरी टीम को साथ रहकर काम करने के लिठपà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ किया। उनका हम सबको उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करना ही हमें ऊरà¥à¤œà¤¾à¤µà¤¾à¤¨ बनाठरखता है।
पिछले à¤à¤• वरà¥à¤· के अनà¥à¤à¤µ ने हमें इतना तो जरà¥à¤° सिखाया कि जिसने आगे बढ़ने का ठाना हो उसे किसी न किसी का साथ मिल ही जाता है, बस इरादे नेक और सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• हितकारी होनें चाहिà¤à¥¤ इस अवसर पर यूठही चंद पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ कहने को बाधà¥à¤¯ हो रही हूà¤, जिसमें आप सà¤à¥€ के समरà¥à¤¥à¤¨ की आस à¤à¥€ छिपी हà¥à¤ˆ है....
“इस पà¥à¤°à¤£à¤¯ गरà¥à¤ की à¤à¥‚मि से,
पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¾à¤‚कà¥à¤° किसलय फूटेगा।
आबदà¥à¤§ करो खà¥à¤¦ को,
कैसा à¤à¥€, कितना à¤à¥€,
इस अपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤® सौनà¥à¤¦à¤°à¥à¤¯ के कारण
सà¥à¤®à¤¨à¥‹à¤‚ का डंठल टूटेगा।।"