हमारे आस पास कई à¤à¤¸à¥‡ लोग मौजूद हैं जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लगता है की वे जो बन सकते थे , नहीं बन पाये . दरसल वे सारी उमà¥à¤° अà¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ का रोना रटते रहे .दरअसल उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी कीमत ही नहीं पहचानी . दहेज़ पà¥à¤°à¤¥à¤¾ में जिस तरह दूलà¥à¤¹à¥‹à¤‚ की कीमत लगाई जाती है , यहाठउस कीमत की बात नहीं हो रही . दहेज़ तो सामाजिक कोॠहै. दरअसल हम à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के अंदर छिपी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ और उसके बौदà¥à¤§à¤¿à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ की बात कर रहे हैं . किसी की à¤à¥€ कीमत उसके पास सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ बैंक बैलेंस , हवेली , मोटर गाड़ियों से तय नहीं होतीं बलà¥à¤•à¤¿ उसके अंदर के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤à¤¾à¤µ से ही तय होती है . मैनेजमेंट कॉलेज के à¤à¤• सेमिनार में जब à¤à¤• यà¥à¤µà¤¾ बालिका से सवाल किया गया कि उसकी कीमत कà¥à¤¯à¤¾ है तो उसने बड़े ही आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ से कहा , '' मेरी कीमत अपरिमेय है '' .
मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ , सही में à¤à¤• इंसान की कीमत असीमित और अपरिमेय होती है . पर यह तà¤à¥€ संà¤à¤µ है जब वह अपने अंदर छà¥à¤ªà¥€ हà¥à¤ˆ बौदà¥à¤§à¤¿à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ को पहचान कर और उसके अनà¥à¤°à¥‚प आगे बढे . à¤à¤• चितà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° जिस तेल और रंग का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करता है ,उसकी कीमत अधिक नहीं होती . पर जब उससे सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° पेंटिंग तैयार हो जाती है तो उसकी कीमत हजारों में तय होती है . à¤à¤• पतà¥à¤¥à¤° सड़क पर फेंका मिलता है , पर जब उससे à¤à¤—वान की मूरà¥à¤¤à¤¿ तैयार हो जाती है तो वह कीमती à¤à¥€ हो जाता है और पूजनीय à¤à¥€ . पर हम यह à¤à¥€ याद रखें कि à¤à¤• आड़े - तिरछे पतà¥à¤¥à¤° को जब मूरà¥à¤¤à¤¿ की शकà¥à¤² दी गई होगी तो उसे कितने दरà¥à¤¦ से गà¥à¤œà¤°à¤¨à¤¾ पड़ा होगा . कितनी बार उसने हथौड़े और छेनी की चोट खाई होगी . तब जाकर कहीं वह सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° और कीमती मूरà¥à¤¤à¤¿ का आकर पा सका होगा . तो जरà¥à¤°à¥€ है कि हम सà¤à¥€ अपने अंदर की ताकत को पहचानें और अपनी कीमत को तय करें . हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ है . हर किसी में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ छà¥à¤ªà¥€ है . जरà¥à¤°à¤¤ है कि हम तपसà¥à¤¯à¤¾ पथ से गà¥à¤œà¤°à¥‡à¤‚ . संघरà¥à¤· की पीड़ा का रसासà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¨ करें . फिर जैसे जैसे समय बà¥à¤¤à¤¾ जाà¤à¤—ा , आपकी कीमत à¤à¥€ बà¥à¤¤à¥€ जायेगी .