कहते हैं हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का अपना à¤à¤• पसंदीदा सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ होता है जहाठपà¥à¤°à¤¾à¤¯: à¤à¥à¤°à¤®à¤£ कर वह अपने गहरे à¤à¤•à¤¾à¤‚त को वà¥à¤¯à¤‚जना देता है लेकिन मà¥à¤à¥‡ तो अंजान शहरों की गलियों में सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ और पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿ का आधार दिखता है। लेकिन जीवन में दबे पैर चली आई वयसà¥à¤¤à¤¤à¤¾ को हंकाल पाना मेरे लिठटेढ़ी खीर साबित हà¥à¤† है। बड़े जतन के बाद à¤à¤• बार असम जाना बन पाया। उकà¥à¤¤ चितà¥à¤° असम के मानचितà¥à¤° पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ किसी गाà¤à¤µ या कसà¥à¤¬à¥‡ से नहीं लिया गया है बलà¥à¤•à¤¿ गà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤Ÿà¥€ जाते हà¥à¤ सà¤à¥€ गांवों और कसà¥à¤¬à¥‹à¤‚ से अलग थलग अपने असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ की गवाही पर हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° करते हà¥à¤ à¤à¤• अकेले मकान का है जो कहने को तो असम की सरहदों में बंधा हà¥à¤† है लेकिन फिर à¤à¥€ टूटा हà¥à¤† और मà¥à¤•à¥à¤¤ है।
हम बचपन से सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ आठहैं कि असम चाठपतà¥à¤¤à¥€ के लिठमशहूर है। असम जाने तक में इसी विà¤à¥à¤°à¤® को अपने मन में पाले हà¥à¤ था। ये बात बिलकà¥à¤² सतà¥à¤¯ है कि वहां की चाठसरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® मानी है लेकिन असम चाठके अतिरिकà¥à¤¤ à¤à¤• अनà¥à¤¯ चीज़ से अतà¥à¤¯à¤¾à¤§à¤¿à¤• जाना जाता है और वो है वहां की सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€à¥¤ दरअसल सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€ à¤à¤¸à¤®à¥€à¤œà¤¼ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का à¤à¤• अंश है। असम में इसकी महतà¥à¤¤à¤¾ को इस बात से आà¤à¤•à¤¾ जा सकता है कि इसकी अनà¥à¤ªà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में विवाह के संपनà¥à¤¨ होने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। विवाह में आठमहमानों को खाना मिले ना मिले लेकिन सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€ मिलनी बेहद आवशà¥à¤¯à¤• है। विवाह में सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€ की अवà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ होने के कारण अलाठ– फलाठविवाह को नीची नज़र से देखा जाता है। असम की राजधानी गà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤Ÿà¥€ में इस संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के चिहà¥à¤¨ वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ के रूप में देखने को मिलते हैं। पूरे गà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤Ÿà¥€ में à¤à¤¸à¤¾ à¤à¤• à¤à¥€ घर नहीं है जहाठपर सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€ का वृकà¥à¤· ना हो। गà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤Ÿà¥€ शहर का नामकरण ही इस सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€ से संबंध रखता है। उकà¥à¤¤ शबà¥à¤¦ में ‘गà¥à¤µà¤¾’ का अरà¥à¤¥ ‘सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€’ है और 'हटी' शबà¥à¤¦ का अरà¥à¤¥ है 'बाजार'। इस तरह गà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤Ÿà¥€ का अरà¥à¤¥ हà¥à¤† सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€ का बाजार। गà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤Ÿà¥€ के हर घर में सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€ के वृकà¥à¤· के साथ – साथ à¤à¤• मंदिर à¤à¥€ अवशà¥à¤¯ होता है जो à¤à¤¸à¤®à¥€à¤œà¤¼ समाज की अगाध शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ और धारà¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ को तो उकेरता ही है साथ में उनकी आरà¥à¤¥à¤¿à¤• समृदà¥à¤§à¤¿ का à¤à¥€ दà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤• है।