गैस बनाने की विधि

आवश्यक वस्तु:- टार्च के दो पुराने व तीन नये सेल, कांच की दो पतली लम्बी शीशियाँ, सिरका या वाशिंग सोडा, कांच का बड़ा बर्तन, तार।

 

बनाने की विधि:-

       à¤Ÿà¤¾à¤°à¥à¤š के दोनों पुराने खराब सेलों को तोड़कर के उनके बीच की कार्बन रॉड संभाल कर निकाल लें। इन्हें निकालने के बाद तार का लगभग 30cm लम्बा टुकड़ा लेकर इसे एक कार्बन रॉड के सिरे पर कसकर बांध लें। फिर तार का इतना ही लम्बा दूसरा टुकड़ा लें और इसे दूसरी वाली कार्बन रॉड के साथ बांध कर कार्बन की ये दोनों रॉड पानी से भरे बर्तन में डुबा दें।

       à¤…ब कांच की शीशियों को पानी से पूरा भरकर इनके मुँह को अपने अंगूठों से बंद करके शीशी को पानी से निकाल कर इसके मुँह को अंगूठे से दबाये रखे।

आओ पता करें कौन-सी गैस बनी?:- 

       à¤®à¤¾à¤šà¤¿à¤¸ की एक तीली जलाकर इसकी लौ को बुझा दो पर इसकी आंच पूरी तरह नहीं बुझनी चाहिए। इस तीली को शीशी के मुँह के पास  à¤²à¤¾à¤à¤ और इसके मुँह पर से अंगूठे को हटा लें, तो आप देखेंगे कि अधबुझी तीली फिर से सुलग उठती है। यानि यह गैस ऑक्सीजन है।

      इसी प्रकार दूसरी शीशी के मुँह के पास जलती हुई माचिस की तीली लाने पर इससे 'पॉप' की आवाज होती है तो यह सिद्ध होता है कि यह गैस हाइड्रोजन है।

         à¤‡à¤¸ प्रकार आपने देखा कि पानी ऑक्सीजन और हाइड्रोजन के योग से बना है, जिसमें हाइड्रोजन का आयतन ऑक्सीजन से दुगुना होता है। विद्युत् द्वारा किसी यौगिक को उसके अवयवों में बाँटने की यही क्रिया विद्युत्-अपघटन कहलाती है।


लेखक परिचय :
मनोज कुमार सैनी
फो.नं. -9785984283
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