फालसा सà¥à¤µà¤¾à¤¦ में खटमिटà¥à¤ ा और छोटे बेर-जैसा फल है। इसका रंग जामà¥à¤¨à¥€-बैंगनी रंग का होता है। फालसे का रस सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ पेय है। इसके फल छोटे-छोटे व गोल-गोल होते हैं, जो पकने पर पहले गà¥à¤²à¤¾à¤¬à¥€-लाल, काले हो जाते हैं। इसका पौधा à¤à¤¾à¥œà¥€à¤¨à¥à¤®à¤¾ होता है। मई-जून के महीनों में इसके पकने का समय होता है।
फालसा टिलिà¤à¤¸à¥€ कà¥à¤² का पतनशील पौधा है। इसका वानसà¥à¤ªà¤¤à¤¿à¤• नाम गà¥à¤°à¥‡à¤µà¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤Ÿà¤¿à¤•à¤¾ है। इसके पतà¥à¤¤à¥‡ जाड़ों में à¤à¥œ जाते हैं, इसकी मधà¥à¤¯ जनवरी में काट-छाà¤à¤Ÿ की जाती है। इसके पूरà¥à¤µ सरà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में पौधों में पानी देना बंद कर देना चाहिà¤à¥¤
फालसा के पौधे फरवरी के अंत में नये फà¥à¤Ÿà¤¾à¤µ लेते हैं और उसी के साथ फूलने à¤à¥€ लगते हैं। मारà¥à¤š-अपà¥à¤°à¥ˆà¤² में पौधे फलों से लद जाते हैं और मई-जून में पक जाते हैं।
फालसा खराब-से-खराब à¤à¥‚मि में à¤à¥€ लगा सकते हैं। यह कठोर परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ सहन कर लेता है। लू और पाले का कोई असर पौधे पर नहीं होता। सिंचाई का पानी जहाठकम उपलबà¥à¤§ हो, वहाठà¤à¥€ फालसा पल जाता है। फालसे के पौधे में कीड़े-मकोड़ों व रोगों का à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¥‹à¤ª नहीं होता।
फालसे का बाग दिसमà¥à¤¬à¤°-जनवरी में 1.5x1. 5 मीटर की दूरी पर लगाना चाहिà¤à¥¤ à¤à¤• हेकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° में 3025 पौधे लगाठजा सकते हैं।
फालसे की डणà¥à¤ लें, जो छंटाई के बाद निकलती हैं, वे बड़ी लचीली होती हैं जिनके टोकरियाठबनाई जाती हैं। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° यह à¤à¤• लघॠउदà¥à¤¯à¥‹à¤— का अचà¥à¤›à¤¾ साधन à¤à¥€ है। कचà¥à¤šà¥‡ फलों का आचार और चटनी बनाते हैं। पके फलों का शरबत और सà¥à¤•à¥à¤µà¥ˆà¤¶ बनाते हैं। फालसे का शरबत और सà¥à¤•à¥à¤µà¥ˆà¤¶ शरीर को सà¥à¤«à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ व ताजगी पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है।
छोटे-से फल फालसा को पोषक ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ की खान और à¤à¤‚टीऑकà¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚ट कहना गलत न होगा। देखा जाठतो फालसा फल का 69 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ à¤à¤¾à¤— ही खाने लायक होता है, बाकी हिसà¥à¤¸à¥‡ में गà¥à¤ ली होती है। इसमें मौजूद मैगà¥à¤¨à¥€à¤¶à¤¿à¤¯à¤®, पोटैशियम, सोडियम, फासà¥à¤«à¥‹à¤°à¤¸, कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤®, पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨, काबरेहाइडà¥à¤°à¥‡à¤Ÿ, लोहा, विटामिन ठऔर विटामिन सी जैसे पोषक ततà¥à¤µ इसे हमारे लिठसेहत का खजाना बना देते हैं।
फालसे का फल à¤à¤•-दो दिन से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ नहीं टिकता, इसलिठइसका पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— शीघà¥à¤°-से-शीघà¥à¤° कर डालना चाहिà¤à¥¤