तà¥à¤® कौन हो?
किसी फिलà¥à¤®à¥€ सितारे के
नूरे नज़र तो नहीं हो
और ना ही हो तà¥à¤®
किसी सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ लेखक के
पोते – पड़पोते
शायद
पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¥€ नहीं होगे तà¥à¤®
यदि होते
तो अवशà¥à¤¯ ही सà¥à¤¨à¤¾ होता तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ नाम
रेडियो पे
पढ़ी होती अखबार के किसी पनà¥à¤¨à¥‡ पर
रंडीखाने पर छपी तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€
कोई सनसनीखेज़ रिपोरà¥à¤Ÿ
टीवी पर दिख ही जाते तà¥à¤®
इंटरवà¥à¤¯à¥‚ लेते
किसी रंडी या उसके जिसà¥à¤® फरोश का
बोलो तà¥à¤® कौन हो
और कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दें तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ तवजà¥à¤œà¥‹?
तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ बाप – दादा का नाम
हमारे बाज़ार में नहीं बिकता
और तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ नाम की अà¤à¥€
बिक सकने वाली औकात नहीं।