तुम कौन हो

तुम कौन हो?
किसी फिल्मी सितारे के
नूरे नज़र तो नहीं हो
और ना ही à¤¹à¥‹ तुम
किसी सुप्रसिद्ध लेखक के
पोते – पड़पोते
शायद
पत्रकार भी नहीं होगे à¤¤à¥à¤®
यदि होते
तो अवश्य ही सुना होता तुम्हारा नाम
रेडियो पे
पढ़ी होती अखबार के किसी पन्ने पर
रंडीखाने पर छपी तुम्हारी
कोई सनसनीखेज़ रिपोर्ट
टीवी पर दिख ही जाते तुम
इंटरव्यू लेते
किसी रंडी या उसके जिस्म फरोश का


बोलो तुम कौन हो
और क्यों दें तुम्हें à¤¤à¤µà¤œà¥à¤œà¥‹?
तुम्हारे बाप – दादा का नाम
हमारे बाज़ार में नहीं बिकता
और तुम्हारे नाम की अभी
बिक सकने वाली औकात नहीं।


लेखक परिचय :
बलजीत सिंह
फो.नं. -8587085191
ई-मेल - [email protected]
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