पायथागोरस का सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त आज à¤à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सà¤à¥€ सà¥à¤•à¥‚लों में पà¥à¤¾à¤¯à¤¾ जाता है à¤à¤µà¤‚ इसकी उपयोगिता à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, गणित में तरह-तरह के सूतà¥à¤° बनाने के लिठसाबित हà¥à¤ˆ है। पायथागोरस के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• किसी à¤à¥€ समकोण तà¥à¤°à¤¿à¤à¥à¤œ के लंब और आधार के फलों का योगफल करà¥à¤£ के वरà¥à¤—फल के बराबर होता है।
महान वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• पायथागोरस का जनà¥à¤® गà¥à¤°à¥€à¤• के सेमास वेट कसà¥à¤¬à¥‡ में इ.स.खिसà¥à¤¤ पूरà¥à¤µ 582 में हà¥à¤†à¥¤ बचपन में जब पायथागोरस बॉकà¥à¤¸à¤¿à¤‚ग के लिठनाम दरà¥à¤œ कराने गठतो उनका मासूम चेहरा देखकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बॉकà¥à¤¸à¤¿à¤‚ग खेलने की इजाजत नहीं मिली। तब पायथागोरस ने गणितीय दाà¤à¤µà¤ªà¥‡à¤‚च का उपयोग कर बॉकà¥à¤¸à¤¿à¤‚ग में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ किया à¤à¤µà¤‚ उसमें वे विजेता à¤à¥€ हà¥à¤à¥¤ उन दिनों à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ थी कि बलवान शरीर इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ का दिल à¤à¥€ बलवान बनाठरखता है। सेमास के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ बादशाह के कारण उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपना नगर छोड़ दिया और वे दकà¥à¤·à¤¿à¤£ इटली के कà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥€à¤¨ गाà¤à¤µ में जाकर बस गà¤à¥¤ पायथागोरस ने इजिपà¥à¤Ÿ, बेबोलोनिया आदि देशों में घूमकर à¤à¥‚मिति, अंकगणित à¤à¤µà¤‚ संगीत शासà¥à¤¤à¥à¤° सीखा।
कà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥€à¤¨ में पायथागोरस ने विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ मंदिर की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की। इस विदà¥à¤¯à¤¾ मंदिर में विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के अलावा गृहशासà¥à¤¤à¥à¤°, दरà¥à¤¶à¤¨à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° à¤à¤µà¤‚ साहितà¥à¤¯ और मातृतà¥à¤µ की शिकà¥à¤·à¤¾ दी जाती थी। उनके विदà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤‚दिर में मांस खाना, दारू पीना à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की हतà¥à¤¯à¤¾ करने की मनाही थी। पायथागोरस का रहन-सहन à¤à¤• साधॠपà¥à¤°à¥à¤· जैसा था। सबसे मैतà¥à¤°à¥€ रखना उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अचà¥à¤›à¤¾ लगता था। पायथागोरस का दरà¥à¤¶à¤¨ उन दिनों कà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥€à¤¨ में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ समाज वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के विपरीत था। इसलिठउनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥€à¤¨ से निषà¥à¤•à¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ कर दिया गया। पायथागोरस के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ à¤à¤µà¤‚ शिषà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¿à¤¤ किया गया।
पायथागोरस का मानना था कि अंकों के जरिठविशà¥à¤µ की घटनाओं को हम सà¥à¤²à¤à¤¾ सकते हैं। पायथागोरस ने आवाज और अंक के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त की खोज की। पायथागोरस ने खगोलविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ में à¤à¥€ खोज की। वे मानते थे कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ गोल है और धरती अपनी धà¥à¤°à¥€ पर घूमती है।à¤à¤¸à¥‡ महान वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• का सà¥à¤µà¤°à¥à¤—वास ईसा पूरà¥à¤µ 497 में हà¥à¤†à¥¤ आज वे à¤à¤²à¥‡ ही इस संसार में न हों, लेकिन पायथागोरस के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त के रूप में अमर हो गये हैं।
साà¤à¤¾à¤°:-'विशà¥à¤µ के आदरà¥à¤¶ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•'