महंगी होती शादी धन और अनà¥à¤¨ की बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦à¥€: देवेनà¥à¤¦à¥à¤°à¤°à¤¾à¤œ सà¥à¤¥à¤¾à¤°
आजकल समाज में महंगी शादियों का फैशन-सा चल पडा है। इन à¤à¤¡à¤¼à¤•à¥€à¤²à¥€ व तड़क-à¤à¤¡à¤¼à¤• वाली शादियों में जहाठà¤à¤• ओर बड़ी मातà¥à¤°à¤¾ में अनà¥à¤¨ का दà¥à¤°à¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर धन बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦à¥€ के साथ बिजली को अंधाधà¥à¤‚ध तरीके से फूंका जा रहा है। शादियों से पहले महंगे-महंगे आमंतà¥à¤°à¤£-पतà¥à¤° व क़ीमती उपहार देकर सगे-संबंधियों व मेहमानों को बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ जाने लगा है। तो वहीं इन शादियों के आयोजन के लिठà¤à¤• बड़ी नामी पांच सितारा होटल बà¥à¤• की जाने लगी है. जिसमें करोड़ों रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ खरà¥à¤š कर शादी का सेट खड़ा किया जा रहा है।
मेहमानोें के बैठने के लिठà¤à¤• सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° व खूबसूरत सोफा लगाया जा रहा है। वहीं शादी के बाद खाने के रà¥à¤ª में अनगिनत à¤à¥‹à¤œà¥à¤¯ पदारà¥à¤¥à¥‹ और तरह-तरह की मिठाईयों से सजी थैलियां परोसकर मेहमानों को मोहित किया जा रहा है। खाने के बाद नाचने के लिठà¤à¤• सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤˜ डी.जे. व लाउड सà¥à¤ªà¥€à¤•à¤° पर अशà¥à¤²à¥€à¤² व अमारà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ संगीत बजाकर मेहमानों को नचाया जाने लगा है।
इस तरह उचà¥à¤š वरà¥à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शाही अंदाज में आयोजित की जा रही इन शादियों को देखकर मधà¥à¤¯à¤® व निमà¥à¤¨ वरà¥à¤— à¤à¥€ शादियों में पैसे को पानी की तरह बहाने से जरा à¤à¥€ नहीं हिचकिचा रहा है। लोग शादी में अपना सà¥à¤¤à¤°‚ रूतबा और à¤à¥‚ठी शानो-शौकत का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ करने के लिठकरà¥à¤œ लेकर à¤à¥€ महंगी शादियां आयोजित कर रहे हैं। इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ शादियों में कनà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¨ के नाम पर सोना-चांदी‚ गाड़ी बंगला इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ के रà¥à¤ª में लाखों-करोडों का दहेज à¤à¥€ दिया जा रहा है। आम तो आम हमारे देश के नेताओं के कई उदाहरण à¤à¤¸à¥‡ हैं, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी संतानों की शादियों में रिरà¥à¤•à¥‹à¤¡ तोड़ पैसा बहाने में कोई कसर नही रखी है।
आखिर कà¥à¤¯à¤¾ मतलब है इस तरीके से महंगी शादियों के आयोजन के पीछे? जहाठदेश में à¤à¤• ओर à¤à¤¯à¤‚कर à¤à¥‚खमरी के कारण लाखों बेसहारा व गरीब लोग à¤à¤• वकà¥à¤¤ के खाने को तरस रहे हों, वहां शादियों में अनà¥à¤¨ की बड़े पैमाने पर बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦à¥€ करना कौनसी बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¤à¤¾ है? जहाठदेश में लोग धन के लिठचोरी-चकारी व लूट-खसोट करने को मजबूर हो रहे हैं, वहां अरबों का खरà¥à¤š करना कà¥à¤¯à¤¾ वाजिब है?
विवाह हमारे सोलह संसà¥à¤•à¤¾à¤° में से à¤à¤• है, जिसे सात जनà¥à¤®à¥‹à¤‚ का बंधन माना जाता रहा है। जिसे पावनता‚ पà¥à¤¨à¤¿à¤¤à¤¾ व सादगी का परà¥à¤¯à¤¾à¤¯ समà¤à¤¾ जाता है। वही संसà¥à¤•à¤¾à¤° आज शोर-गà¥à¤² व हो-हलà¥à¤²à¤¾ में तबà¥à¤¦à¥€à¤² होता जा रहा है। दीगर बात यह à¤à¥€ है कि इन शादियों में सात जनà¥à¤®à¥‹à¤‚ का साथ निà¤à¤¾à¤¨à¥‡ की कसम खाने वाले चंद महीनों के बाद ही तलाक की मांग करने लग जाते हैं। हमारी à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ व संसà¥à¤•à¤¾à¤° पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ से संपनà¥à¤¨ विवाह इतने सालों बाद à¤à¥€ तरो-ताजा है, अटूट व अखंडित है।
बेशक पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€à¤•à¤°à¤£ आज हमें चहà¥à¤‚ओर से घेर रहा है और जाहिर-सी बात है कि शादियां à¤à¥€ इसके पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ से अछूती नही रह पाई हैं। जरà¥à¤°à¥€ है कि हम हावी होते विदेशी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के मरà¥à¤œ का समय रहते उचित ईलाज ढूंढ लें। विवाह को आदरà¥à¤¶ के रà¥à¤ª में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करें और ता-उमà¥à¤° साथ रहकर जीवन हमसफर का हर परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में साथ निà¤à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚। आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ व चकाचौंध के चकà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¥‚ह से बाहर निकलकर शादियों में मितवà¥à¤¯à¤¯à¤¤à¤¾ के उदाहरण पेश करें।