1. कà¥à¤¤à¥à¤¬ मीनार à¤à¤¾à¤°à¤¤ की राजधानी दिलà¥à¤²à¥€ के दकà¥à¤·à¤¿à¤£ में महरौली à¤à¤¾à¤— में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। ईंटों से बनी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की यह सबसे ऊà¤à¤šà¥€ मीनार है जिसकी ऊà¤à¤šà¤¾à¤ˆ 72.5 मीटर अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ 237.86 फà¥à¤Ÿ है।
2. कà¥à¤¤à¥à¤¬ मीनार के आधार का वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ 14.3 मीटर है जो शिखर पर जाकर मातà¥à¤° 2.75 मीटर रह जाता है।
3. à¤à¤¸à¤¾ कहा जाता है कि कà¥à¤¤à¥à¤¬à¤¦à¥à¤¦à¥€à¤¨ à¤à¤¬à¤• ने कà¥à¤¤à¥à¤¬ मीनार का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ 1193 में शà¥à¤°à¥‚ करवाया था। वह केवल पहली मंज़िल ही बना सका था। उसके बाद दिलà¥à¤²à¥€ के सà¥à¤²à¤¤à¤¾à¤¨ बने इलà¥à¤¤à¥à¤¤à¤®à¤¿à¤¶ ने इस की तीन मंज़िलों का निरà¥à¤£à¤¾à¤£ करवाया। इसके बाद 1368 में फीरोजशाह ने 5वीं और आखरी मंज़िल बनवाई।
4. सन 1505 में कà¥à¤¤à¥à¤¬ मीनार à¤à¥‚कंप से कà¥à¤·à¤¤à¤¿à¤—à¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ हो गई थी तब सिकंदर लोदी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इसकी मरमà¥à¤®à¤¤ करवाई गई।
5. à¤à¤¸à¥€ कहा जाता है कि क़à¥à¤¤à¥à¤¬ मीनार का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— पास बनी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ की मीनार के रूप में होता था और यहाठसे अज़ान दी जाती थी। लेकिन यदि कोई कà¥à¤¤à¥à¤¬ मीनार के बिलà¥à¤•à¥à¤² ऊपर खड़ा हो कर पूरी शकà¥à¤¤à¤¿ लगाकर चिलà¥à¤²à¤¾à¤ à¤à¥€ तो उसकी आवाज़ बड़ी मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² से कोई सà¥à¤¨ पाà¤à¤—ा।
6. कà¥à¤¤à¥à¤¬ मीनार लाल और हलà¥à¤•à¥‡ पीले पतà¥à¤¥à¤° से बनाई गई है। इस पर कà¥à¤°à¤¾à¤¨ की आयते लिखी गई हैं।
7. मीनार के पास ही चौथी शताबà¥à¤¦à¥€ में बना लौह सà¥à¤¤à¤‚ठहै जिसे गà¥à¤ªà¥à¤¤ वंश के चंदà¥à¤°à¤—à¥à¤ªà¥à¤¤ दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ विषà¥à¤£à¥ धà¥à¤µà¤œà¤¾ के रूप में विषà¥à¤£à¥ पद पहाड़ी पर निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ किया गया था।