जीवन और गणित -1
जन्म से मृत्यु तक, हमारे जीवन में ऐसा कोई भी क्षण नहीं है जो गणित से अछूता हो। एक निश्चित समय पर सोना, एक निश्चित समय पर जागना, हर काम निश्चित समय से करने वाला व्यक्ति ही जीवन में सफलता के शिखर पर पहुंच सकता है। समय का सदउपयोग ही मनुष्य की सफलता  की पहली सीढ़ी है । समय क्या है? वास्तव में, समय गणित की एक अमूल्य देन है । हम केवल गणित के माध्यम से समय का लेखा जोखा रख सकते हैं। हम कितने घंटे सोते हैं ? ; हम कितने घंटे जागते हैं ?; हम कितना समय खेलते हैं?; हम कितना समय पढ़ते हैं? आदि। समय का चक्र सिर्फ मनुष्य तक ही सीमित नहीं है, सूरज भी एक निश्चित समय पर पूर्व से उदय होता और निश्चित समय पर पश्चिम में ढलता हुआ प्रतीत होता है ।धरती अपनी धुरी पर 24 घंटे घूमती है तो दिन-रात बनते हैं । सूर्य के चारों ओर एक निश्चित पथ पर पृथ्वी  365¼  दिनो में एक चक्कर पूरा करती है तो अलग-अलग ऋतुएं बनती हैं ।इसी प्रकार इस ब्रहमांड के सभी ग्रह, उपग्रह अपने निश्चित पथ, निश्चित गति, और तय समय चक्र के अनुसार गतिमान हैं ।हमारे जीवन में गणित का योगदान इस बात से साबित होता है कि इस ब्रहमांड की रचना एक शून्य से हुई, शून्य  का अर्थ है कुछ न होना ।हमारा जीवन इस ब्रहमांड का एक हिस्सा है। इसका अर्थ है हमारी सफलता के साथ-साथ दिन-रात; गर्मी-सर्दी; वसंत-शरद ऋतु आदि सभी समय पर निर्भर करते हैं और समय की गणना 'गणित' के बिना संभव नहीं है। इसलिए कोई भी काम प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गणित के बिना नहीं चल सकता।

गणित द्वारा हमारे जीवन को दिया गया एक और महान उपहार 'कैलेंडर' है।कोई भी घटना या दुर्घटना का महत्व तब तक नहीं होता है, जब तक ‘कब’ का उल्लेख न करें, इस ‘कब’ का उत्तर एक तारीख है। भारत को स्वतंत्रता कब मिली? पहला आदमी चाँद पर कब पहुँचा? आदि सभी प्रश्न कैलेंडर के अस्तित्व के कारण पैदा हुए थे। दिनांक न होने की स्थिति में हर तरह का रिकॉर्ड अधूरा है। हम अपना जन्मदिन तभी मना सकते हैं जब हम जन्म की तारीख जानते हों। किसी व्यक्ति की शिक्षा, नौकरी, सेवानिवृत्ति आदि सभी कैलेंडर पर निर्भर करती है। हमारे जन्म की तारीख से लेकर मृत्यु की तारीख तक का समय यानी हमारा जीवन काल, हमारे जीवन की सफलता या असफलता को निर्धारित करता है। दूसरे शब्दों में, यह कैलेंडर गणित की एक देन है  जिसने हमारे जीवन को इसका वर्तमान आकार दिया है। 

लेखक परिचय :
मनोज कुमार सैनी
फो.नं. -9785984283
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