आकाश में बादलों का आना-जाना दोपहर की तपती धूप को कà¤à¥€ कम कà¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कर रही थी। मैं घर के जानिब तेजी से कदम बà¥à¤¾ रही थी।चलते-चलते मेरी नजर उन दरखà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के शाखों पे गई जो अà¤à¥€-अà¤à¥€ नठपतà¥à¤¤à¥‡ पा कर मानों मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾ रहे हों। ये नज़ारे आà¤à¤–ों को बड़े अचà¥à¤›à¥‡ लग रहे थे, दिल चाहा कà¥à¤› अपनी चाल धीमी कर लूà¤à¥¤ मगर अà¤à¥€ मंजिल दूर थी।
तà¤à¥€ हवा का तेज à¤à¥‹à¤‚का आया और सामने से ये सूखे पतà¥à¤¤à¥‡,जो कà¥à¤› दिनों पहले ही शाखों से अलग हà¥à¤ थे, दौड़ते हà¥à¤ गà¥à¤œà¤° गà¤à¥¤ मेरे कदम कà¥à¤› ठहर कर उन सूखे पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के आगे बà¥à¤¨à¥‡ की जदà¥à¤¦à¥‹ जहद देखने लगीं। मानों उन सूखे पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ में जान आ गई हों,सà¤à¥€ à¤à¤•-दूसरे से आगे निकलने को बेचैन! मेरी नजर à¤à¤• छोटे पतà¥à¤¤à¥‡ पे गई जो अà¤à¥€ पीछे रह गया था, उसे à¤à¥€ à¤à¤• हलके से हवा के à¤à¥‹à¤‚के ने पर लगा दिया।
ओह! कà¥à¤¯à¤¾ नजारा था। दरखà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के हरे पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ में वो जीने की तड़प न दिखी, जो सूखे पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ करा दिया।
जीवन में खतà¥à¤® कà¥à¤› नहीं होता। जब तक जीवन है, तब तक कà¥à¤› न ख़तà¥à¤® होने की उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¥‡à¤‚ बाकि रहती हैं।
मेरे दोसà¥à¤¤! जब à¤à¥€ तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤› न होने का à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ सताने लगे, तो कà¥à¤› देर यूà¤à¤¹à¥€ सड़क पे उन बेजान दौड़ते पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को देखना, जो सिरà¥à¤« हवा के à¤à¥‹à¤‚खो के इंतजार में रहते हैं कि वो कब आये और उनमें जान डाल दे।
मन जब निराशा से सूखने लगे तो ये मत à¤à¥‚लना की कà¥à¤› हिसà¥à¤¸à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ इन हवाओं में अपनी à¤à¥€ है.......