मेरे ज़ख़à¥à¤®à¥‹à¤‚ को हवा देता है
आईना दरà¥à¤¦ बढ़ा देता है
जब à¤à¥€ जाता हूठरूबरू उसके
वो मà¥à¤à¥‡ खà¥à¤¦ में छिपा देता है
लड़खड़ाती है, संà¤à¤² जाती है
कौन कशà¥à¤¤à¥€ को दà¥à¤† देता है
जो तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ बख़à¥à¤¶à¥€ है ख़à¥à¤¦à¤¾ ने वो
हर किसी को न अदा देता है
चंद लमà¥à¤¹à¥‹à¤‚ में तसवà¥à¤µà¥à¤° तेरा
कई जनà¥à¤®à¥‹à¤‚ का मज़ा देता है
अपनी हसà¥à¤¤à¥€ में à¤à¤• सहरा लिये
रोज़ दरिया को सदा देता है
ख़à¥à¤¦ ही अनमोल हाथ पर लिखकर
जाने कà¥à¤¯à¥‚ठख़à¥à¤¦ ही मिटा देता है