अजूबे घोंसले
  1.  à¤«à¤¿à¤œà¥‡à¤‚ट टेल नामक पक्षी पानी पर तैरने वाला घोंसला बनाता है। इस पक्षी का घोंसला काफी हल्का और आकर में प्याले  à¤•à¥‡ समान होता है। वह नाव की तरह पानी की लहरों के साथ इधर-उधर तैरता रहता है।
  2.  à¤Ÿà¥‡à¤²à¤° बर्ड केवल नाम से ही दर्जी नहीं बल्कि यह सिलाई करने में भी बहुत निपुण होती है। यह नन्हीं चिड़िया पत्तियों को मोड़कर उनके किनारे को रेशों से टांके लगाकर हर सिरे पर गाँठ लगा देती है जिससे रेशा सरक न सके।
  3.  à¤…बाबील नामक पक्षी अपनी चोंच से थोड़ा कीचड़ जुटाकर घोंसले बनाती है।कोकोकेलिया पक्षी अपनी थूक से घोंसला बनाती है। इस पक्षी का थूक हवा के संपर्क में आकर ठोस मीठे पदार्थ में बदल जाता है। मिश्री जैसे मीठे थूक से बने ये घोंसले चीन, बर्मा, भारत आदि देशों में शौक के साथ खाये भी जाते हैं।
  4.  à¤¬à¤¯à¤¾ पक्षियों में घोंसले बनाने का काम हमेशा नर ही करता है। वह तिनके-तिनके से घोंसला बनाना शुरू करता है पर उसे पूरा करने से पहले उसमे बैठकर मादा का इंतज़ार करता है। यदि मादा को घोंसला पसंद आ जाता है तो नर उसे पूरा कर देता है।बया पक्षी अपने घोंसले की सुन्दरता, टिकाऊपन एवं जटिलता में अपना सानी नहीं रखते। एक नर कई कई घोंसलों का निर्माण करता है। कभी-कभी तो बया एक ही वृक्ष पर 200 से भी ज्यादा घोंसले बना लेता है जो घोंसलों का महानगर प्रतीत होता है।

 


लेखक परिचय :
मनोज कुमार सैनी
फो.नं. -9785984283
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