कैसी हो
किस मिटà¥à¤Ÿà¥€ की बनी हो
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ सà¥à¤¨-सà¥à¤¨ कर à¤à¥€
तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ कान पकें नहीं?
à¤à¤• ही धà¥à¤¨ रटते-रटते
तोता बन चà¥à¤•à¥€ हो
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ कà¥à¤› नया सीखना
नहीं चाहती तà¥à¤®?
हर पल हर साल बदलता है
तà¥à¤® कब बदलोगी?
बस अब और नहीं
बहà¥à¤¤ हो चà¥à¤•à¤¾
à¤à¥‚ठा बदलाव।
अब इतना बदलो कि
आज तक दोहराई
जाने वाली सारी
धà¥à¤¨à¥‡à¤‚, समाज की संरचना
बदल जाये।
इतनी सकà¥à¤·à¤® बनों कि
परिवार
खà¥à¤¦ जबरजसà¥à¤¤à¥€
कनà¥à¤¯à¤¾ जनवाये।
इतनी निरà¥à¤à¤° बनो कि
सारी हिदायतें रोक-टोक
हमेशा के लिà¤
मिट जाये।
इतनी अनà¥à¤à¤µà¥€ बनो कि
मरà¥à¤¦à¥‹à¤‚ की निगाह
पॠसको
जिससे फिर कोई
दामिनी
ना बन जाये।