लोमड़ी के कारनामों से à¤à¤°à¤ªà¥‚र हमने अनेक कहानियाठपà¥à¥€ हैं। लोमड़ी हमेशा कà¥à¤›- न - कà¥à¤› बà¥à¤°à¤¾ ही करने की सोचती है। à¤à¤• बार लोमड़ी ने सारस को अपने घर à¤à¥‹à¤œ जा निमंतà¥à¤°à¤£ दिया। सारस ने ख़à¥à¤¶à¥€-ख़à¥à¤¶à¥€ लोमड़ी का निमंतà¥à¤°à¤£ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर लिया। सारस ने मन-ही-मन à¤à¤• विशेष पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के à¤à¥‹à¤œ के सपने देखने आरमà¥à¤ कर दिà¤à¥¤ सारस सोच रहा था कि लोमड़ी सचमà¥à¤š सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ à¤à¥‹à¤œà¤¨ उसके सामने परोसेगी। सारस का विचार था कि शीघà¥à¤° ही उसे सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ मछलियाठऔर केकड़े खाने को मिलेंगे।
आखिर वह दिन आ ही गया जब सारस à¤à¥‹à¤œ के लिठलोमड़ी के घर गया। सारस को देखते ही लोमड़ी ने मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ कहा―'आओ मितà¥à¤°, सारस! यहाठपधारने के लिठतà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ बहà¥à¤¤-बहà¥à¤¤ शà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¥¤'
इसके बाद सारस को लोमड़ी à¤à¤• चौड़े- उथले बरà¥à¤¤à¤¨ के पास ले गई, जिसमें बहà¥à¤¤ सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ सूप à¤à¤°à¤¾ हà¥à¤† था।सूप को देखते ही सारस के मà¥à¤– में पानी आ गया और उसने थोड़ा-सा सूप अपनी चोंच में à¤à¤° लिया। फिर सारस ने चोंच को ऊपर करके सूप को गले से नीचे उतार लिया। तà¤à¥€ लोमड़ी ने à¤à¥€ सूप पीना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया और सारा सूप समापà¥à¤¤ कर डाला। बेचारे सारस को थोड़ा-सा ही सूप नसीब हà¥à¤†à¥¤
लोमड़ी ने सारस को अपना रà¥à¤®à¤¾à¤² दिया ताकि वह अपनी चोंच साफ़ कर सके। लोमड़ी ने कहा―'मितà¥à¤° सारस , तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥‹à¤œ का à¤à¤°à¤ªà¥‚र आनंद मिला होगा। मà¥à¤à¥‡ आशा है कि तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ सूप अवशà¥à¤¯ ही अचà¥à¤›à¤¾ लगा होगा।'
लोमड़ी की बातें सà¥à¤¨à¤•à¤° सारस को बहà¥à¤¤ गà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾ आया। सारस सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को अपमानित महसूस कर रहा था। सारस जैसे ही लोमड़ी से विदा लेकर बाहर आया। तà¤à¥€ चतà¥à¤° लोमड़ी सारस का उपहास करते हà¥à¤ जोर-जोर से हà¤à¤¸à¤¨à¥‡ लगी।
अपमानित होकर सारस ने लोमड़ी से बदला लेने का निशà¥à¤šà¤¯ कर लिया। सारस ने निशà¥à¤šà¤¯ किया कि वह à¤à¥€ लोमड़ी को à¤à¥‹à¤œ के लिठनिमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करके उसके साथ वैसा ही वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करेगा।
सारस ने लोमड़ी के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अपना कà¥à¤°à¥‹à¤§ अपने मन में छिपा कर रखा। कà¥à¤› दिन बाद लोमड़ी से बोला―'बहन लोमड़ी, तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ à¤à¥‹à¤œ के लिठतà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ बहà¥à¤¤-बहà¥à¤¤ धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦à¥¤ रविवार रात को तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ मेरे घर दावत है। मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥‹à¤œ के लिठनिमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करता हूà¤à¥¤ ठीक समय पर पधारने को कषà¥à¤Ÿ करना।'
लोमड़ी ने सारस का निमंतà¥à¤°à¤£ ख़à¥à¤¶à¥€-ख़à¥à¤¶à¥€ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर लिया और निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ समय पर सारस के घर पहà¥à¤à¤š गई। सारस ने लोमड़ी का सà¥à¤µà¤¾à¤—त करते हà¥à¤ कहा―' आओ बहन, जलà¥à¤¦à¥€ चलो, à¤à¥‹à¤œ का आनंद उठाà¤à¤à¥¤' लोमड़ी बोली―'मà¥à¤à¥‡ तो सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ मछलियाठऔर केकड़े की खà¥à¤¶à¤¬à¥‚ आ रही है। मैं अब पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ नहीं कर सकती।'
सारस लोमड़ी को à¤à¤• सà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥€à¤¨à¥à¤®à¤¾ लमà¥à¤¬à¥‡ बरà¥à¤¤à¤¨ के पास ले गया जिसमें केकड़े और सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ मछलियाठà¤à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ थीं। सारस ने सà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥€à¤¨à¥à¤®à¤¾ बरà¥à¤¤à¤¨ में अपनी चोंच डाली और à¤à¤• केकड़ा अपनी चोंच में फà¤à¤¸à¤¾à¤•à¤° आनंद से खाने लगा। इसके बाद सारस à¤à¤• ओर खड़ा हो गया और लोमड़ी से à¤à¥‹à¤œà¤¨ करने के लिठकहा।
लोमड़ी ने सà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥€à¤¨à¥à¤®à¤¾ बरà¥à¤¤à¤¨ में अपना सिर घà¥à¤¸à¤¾à¤¨à¥‡ की बहà¥à¤¤ कोशिश की लेकिन बरà¥à¤¤à¤¨ का मà¥à¤à¤¹ इतना पतला था कि लोमड़ी सफल न हो सकी। सारस ने पेट à¤à¤°à¤•à¤° à¤à¥‹à¤œà¤¨ खाया और बेचारी लोमड़ी देखती ही रह गई। लोमड़ी गà¥à¤¸à¥à¤¸à¥‡ से पैर पटकती हà¥à¤ˆ अपने घर चली गई।
सारस ने लोमड़ी का उपहास करते हà¥à¤ कहा―' लोमड़ी बहन, यह तो जैसे को तैसा था।' इतना कहकर सारस जोर-जोर से हà¤à¤¸à¤¨à¥‡ लगा।
शिकà¥à¤·à¤¾:- इस कहानी से हमें यह शिकà¥à¤·à¤¾ मिलती है कि हमारे साथ जो जैसा वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करता है, हमें à¤à¥€ उसके साथ वैसा ही वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करना चाहिà¤à¥¤
साà¤à¤¾à¤°:-"कहावतों की कहानियाà¤"