कà¥à¤µà¥€à¤‚सलैंड में à¤à¤• पेड़ पाया जाता है जो 40 से 60 फà¥à¤Ÿ ऊà¤à¤šà¤¾ होता है। इस पेड़ की शाखायें जà¥à¤¯à¥‹à¤‚ -जà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बà¥à¤¤à¥€ जाती हैं तà¥à¤¯à¥‹à¤‚-तà¥à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤• दूसरे के समीप आती जाती हैं और à¤à¤• समय आता है तब यह पूरा वृकà¥à¤· à¤à¤• बड़ी बोतल की तरह दिखाई देने लगता है। इस पेड़ की लकड़ी बहà¥à¤¤ कोमल तो होती ही है, साथ ही उसे पानी में घोला जाये तो पानी मीठा शरà¥à¤¬à¤¤ बन जाता है।
हवाईदà¥à¤µà¥€à¤ª तथा जापान में समà¥à¤¦à¥à¤° के गरà¥à¤ में पाये जाने वाले पौधों का उपयोग शà¥à¤°à¥‚ किया गया है। à¤à¤• समà¥à¤¦à¥à¤°à¥€ पौधा 'à¤à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤°à¥€' तो खाने के काम आता है, यह लाल रंग का होता है।
इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° समà¥à¤¦à¥à¤° में पाया जाने वाला 'à¤à¤—ार' नामक पौधा जापान में आइसकà¥à¤°à¥€à¤®, पेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ व अनà¥à¤¯ मिठाई आदि के काम आता है।
समà¥à¤¦à¥à¤° में पाये जाने वाले कà¥à¤› पौधों से शराब साफ करने का काम लिया जाता है तो कà¥à¤› पौधों का उपयोग कागज़ बनाने में किया जाता है।