बलजीत सिंहई-मेल :[email protected] संपर्क : 8587085191 |
जनà¥à¤® 1983, दिलà¥à¤²à¥€à¥¤ साहितà¥à¤¯ अकादेमी, दिलà¥à¤²à¥€ से पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ और हिंदी अकादेमी, दिलà¥à¤²à¥€ से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¥ƒà¤¤à¥¤ आरंà¤à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ दिलà¥à¤²à¥€ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की। दिलà¥à¤²à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के हंसराज महाविदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से बीठकिया। इसके बाद दिलà¥à¤²à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से हिनà¥à¤¦à¥€ पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ की। पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤à¤¾ के दौरान दिलà¥à¤²à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, दकà¥à¤·à¤¿à¤£ परिसर के हिंदी विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤¾ संचालित व संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ समाचार- पतà¥à¤° ‘कैमà¥à¤ªà¤¸ संधान’ के मà¥à¤–à¥à¤¯ संपादक बने। साहितà¥à¤¯ और फोटोगà¥à¤°à¤«à¥€ में सदैव से रूचि रही। कविताà¤à¤‚, कहानी, लेख समीकà¥à¤·à¤¾à¤à¤‚ और फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤« कई पतà¥à¤° – पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हà¥à¤à¥¤ आरंठमें अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में लिखते थे। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ की कविताà¤à¤‚ अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हà¥à¤ˆà¤‚। इसके बाद से सिरà¥à¤« हिंदी में लिखना शà¥à¤°à¥‚ किया।