देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ की अलख जगाने आया हूà¤
मानव -मातà¥à¤° की आतà¥à¤®à¤¾ à¤à¤¿à¤‚à¤à¥‹à¥œà¤¨à¥‡ आया हूठ|
है हिमà¥à¤®à¤¤ तो रोक मà¥à¤à¥‡
विषमता का à¤à¥‡à¤¦ मिटाने आया हूठ|
उठो à¤à¤¾à¤°à¤¤ के वीर सपूतों
नव à¤à¤¾à¤°à¤¤ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करो |
दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ को उसके घर में मार
à¤à¤¾à¤°à¤¤ का रौशन नाम करो |
उठो शहीदों की विधवाà¤à¤‚
खा कर कटे सर की सौगंध |
आमरण अनशन नहीं
अब à¤à¥€à¤·à¤£ रण होगा |
हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का नर-मà¥à¤‚ड पà¥à¤°à¤¾à¤‚गन में अथवा
नेताओं का सर कलम होगा |
देख गरीबों पे जà¥à¤²à¥à¤® -अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤°
देश में बà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° |
आतंकवाद का होता विसà¥à¤¤à¤¾à¤°
नकà¥à¤¸à¤²à¤µà¤¾à¤¦ का डसता अंधकार |
कर रही à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता पà¥à¤•à¤¾à¤° |
उठो à¤à¤¾à¤°à¤¤ के यà¥à¤µà¤¾ शेरों
पà¥à¤¨à¤ƒ सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करो |
पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤•à¤¾ के पà¥à¤°à¥€à¤¤ से बाहर आ
वतन से थोडा पà¥à¤¯à¤¾à¤° करो |
गदà¥à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के शीश काट
शमशीर की धार तेज करो |
अधिकार मिलते नहीं लिठजाते हैं
आज़ाद हैं मगर गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ किये जाते हैं |
शीश नवाते आये हैं अब शीश कटाने जाते हैं
माता के खातिर कà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨à¥€ देने जाते हैं |
उठो à¤à¤¾à¤°à¤¤ के यà¥à¤µà¤¾ शेरों
पà¥à¤¨à¤ƒ सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करो
जन-जन के जीवन में
खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का संचार करो
नव-यà¥à¤— की नूतन वीणा में
नया राग नव गान à¤à¤°à¥‹