शिकà¥à¤·à¤¾ आज जीवन की अनिवारà¥à¤¯ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ बन गई है.परिवरà¥à¤¤à¤¨ शील परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में शिकà¥à¤·à¤¾ ही जीवन की आधारशिला बन उसकी दशा दिशा निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करती है. जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के आà¤à¤¾à¤µ में मनà¥à¤·à¥à¤¯ विवेकहीन हो जाता है. और जहाठविवेक नहीं होता वहां ममता,करà¥à¤£à¤¾,दया ,मानवीयता जैसे गà¥à¤£ पनप ही नहीं पाते. हमारे देश में शिकà¥à¤·à¤¾ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ आज à¤à¥€ बेहतर नहीं है. ...आजादी के बासठवरà¥à¤·à¥‹à¤‚के बाद à¤à¥€ आज वही परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ हैं जिनसे हमें संघरà¥à¤· करना पड़ा था. ..विशेष रूप से महिलाओं की शिकà¥à¤·à¤¾ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ अतà¥à¤¯à¤‚त दयनीय है. देश के à¥à¥¦à¤ªà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में आज à¤à¥€ लड़कियों को उतनी ही शिकà¥à¤·à¤¾ दी जाती है क़ि वे पतà¥à¤° वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° कर सकें या थोडा काम चलाऊ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ मिल सके. उनकी आगे की शिकà¥à¤·à¤¾ के लिठगांवों में सà¥à¤•à¥‚ल नहीं हैं, ..दूर दराज के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में तो यदि à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤®à¤°à¥€ सà¥à¤•à¥‚ल खà¥à¤² à¤à¥€ गया तो वहां लड़कियों की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ नगणà¥à¤¯ ही होती है. ..सरकारी सà¥à¤•à¥‚लों में तो शिकà¥à¤·à¤¾ केवल हासà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤ªà¤¦ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करती हैं, .मेहनत करने वाले बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठखोले सà¥à¤•à¥‚लों में जो à¤à¥‹à¤œà¤¨ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की गई वह à¤à¥€ उपेकà¥à¤·à¤¾ का शिकार बनती जा रही है. यदि उन मजदूर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को à¤à¥€ उचित शिकà¥à¤·à¤¾ मिलती तो वे à¤à¥€ उचà¥à¤š पदों तक पहà¥à¤à¤š पाते. डाकà¥à¤Ÿà¤°,इंजीनियरया पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• पदों को सà¥à¤¶à¥‹à¤à¤¿à¤¤ कर पाते. ..वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ शिकà¥à¤·à¤¾ के अà¤à¤¾à¤µ में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले हों या निमà¥à¤¨ ,मधà¥à¤¯ वरà¥à¤— के लोग हों --वे अनेक अनैतिक ,अपराधों ,आतंक ,हिंसा,नशा जैसे गलत कामों में लिपà¥à¤¤ हो जाते हैं. विवेकशूनà¥à¤¯ अशिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ जीवन उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपराध की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ में ले जाता है. आये दिन समाचार पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤“ं की ख़बरें पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ होती हैं .कà¥à¤› दिन चरà¥à¤šà¤¾ होतीहै, फिर सब कà¥à¤› शांत हो जाता है. वह शिकà¥à¤·à¤¾ जो यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ जैसे कदम उठाने को विवश करे कà¥à¤¯à¤¾ वह वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ है?..हम उन पर जो उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¥‡à¤‚ लाद देते हैं... अपने सपनो को अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से पूरा करने के लिठ..वे सपने कà¤à¥€ साकार हो पाà¤à¤‚गे या हमारे बचà¥à¤šà¥‡ उनसे कैसी कैसी मानसिक पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤°à¥à¤¨à¤¾à¤“ं से गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥‡ होंगे ..कà¥à¤¯à¤¾ कà¤à¥€ सोचा है? वे à¤à¥€ सपने देखते है, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सच करना चाहते हैं पर माता-पिता के सपने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मजबूर करते हैं अपने सपनो को दफ़न करने के लिठ..और जब असफलता हाथ लगती है तो जीवन का अंत ही होता है. मेरा यह मानना है की शिकà¥à¤·à¤¾ रोजगार परक à¤à¥€ हो, और नैतिक à¤à¥€ -जो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸à¥€ बना सके, असफलताओं से हारना नहीं ,परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से लड़ना सिखा सके. शिकà¥à¤·à¤¾ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° सीमित न हों ,अनेक विकलà¥à¤ª हों ..संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं के नठकà¥à¤·à¤¿à¤¤à¤¿à¤œ खà¥à¤²à¥‡à¤‚ ताकि बचà¥à¤šà¥‡ उनमे अपने सपनों को à¤à¥€ साकार होता हà¥à¤† देख सकें. ..कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि शिकà¥à¤·à¤¾ केवल à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• विकास ही नहीं करती बलà¥à¤•à¤¿ वह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का नैतिक, मानसिक और आतà¥à¤®à¤¿à¤• विकास à¤à¥€ करती है. यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को सà¥à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¥ƒà¤¤ बनाने की जरà¥à¤°à¤¤ है, जिनसे मानवता ,करà¥à¤£à¤¾, विशà¥à¤µà¤¾à¤¸, निषà¥à¤ ां ,जैसे गà¥à¤£à¥‹à¤‚ का विकास हो सके. संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ में कहा गया है --''साहितà¥à¤¯ संगीत कला विहीनः ,साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥ पशॠपà¥à¤šà¥à¤› विषाण हीनः ''पशà¥à¤µà¤¤ जीवन की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥€ à¤à¤¯à¤¾à¤¨à¤• होती है. केवल शिकà¥à¤·à¤¾ ही वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का सरà¥à¤µà¤¾à¤‚गीण विकास कर सकती है. वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ शिकà¥à¤·à¤¾ का अरà¥à¤¥ ही à¤à¥à¤°à¤¾à¤®à¤• बना दिया है हमने. शिकà¥à¤·à¤¾ आज अरà¥à¤¥ का परà¥à¤¯à¤¾à¤¯ बन गई है, केवल अरà¥à¤¥à¥‹à¤ªà¤¾à¤°à¥à¤œà¤¨ हेतॠगà¥à¤°à¤¹à¤£ की गयी शिकà¥à¤·à¤¾ कà¤à¥€ नैतिक मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚, आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚, जीवन और समाज की पà¥à¤°à¤—ति या आतà¥à¤®à¤¿à¤• उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की बात नहीं करती. उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° आज शिकà¥à¤·à¤• सà¥à¤µà¤¯à¤® दीन हीन,अपने संघरà¥à¤·à¥‹à¤‚ और जीवन यापन की जदà¥à¤¦à¥‹à¤œà¤¹à¤¦ से जूठरहे हैं, उनके आतà¥à¤®à¤¬à¤² और मनोबल को बà¥à¤¤à¥€ हà¥à¤ˆ à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ और आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ से à¤à¥€ लड़ना पड़ रहा है. छातà¥à¤° à¤à¥€ आज अपने अधिकारों और हक़ की लड़ाई में राजनीति के दांव पेंच सीख रहे हैं अतः शिकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ का आदर ,समà¥à¤®à¤¾à¤¨, जीवन मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की बात बेमानी हो गयी है. आज, दोनों के समबनà¥à¤§à¥‹à¤‚ में दूरियां आ रही है, आज à¤à¤•à¤²à¤µà¥à¤¯, राम,करà¥à¤£, जैसे शिषà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की कमी नहीं है, न ही दà¥à¤°à¥‹à¤£, à¤à¥€à¤·à¥à¤®,परशà¥à¤°à¤¾à¤®, अबà¥à¤¦à¥à¤² कलाम, डॉ,राधाकृषà¥à¤£à¤¨ ,जाकिर हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ जैसे गà¥à¤°à¥à¤“ं की, पर हमारी सोच में बदलाव आया है, वह सही दिशा में हो, और समाज के अन-हितकारी न हो यह हम शिकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ का पà¥à¤¨à¥€à¤¤ करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है. हम जरà¥à¤° सफल होंगे, मेरा विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ है. -परनà¥à¤¤à¥ शिकà¥à¤·à¤• जब सà¥à¤µà¤¯à¤‚ à¤à¥‚खा रहेगा और वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ विदà¥à¤°à¥‹à¤¹ ,पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ के लिठविवश होगा तो वह कैसी शिकà¥à¤·à¤¾ दे पायेगा यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को?à¤à¥‚खे पेट तो à¤à¤œà¤¨ à¤à¥€ नहीं होता -''à¤à¥‚खे à¤à¤œà¤¨ न होहिं गोपाला '' जब हम परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¯à¥‹à¤‚ को अपने शà¥à¤°à¤® à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ से अनà¥à¤•à¥‚ल बनायेंगे तà¤à¥€ कà¥à¤› सà¥à¤§à¤¾à¤° संà¤à¤µ है. इसमें सरकार वॠसमाज दोनों की à¤à¥‚मिका महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है.
आज शिकà¥à¤·à¤¾ उतनी ही जायज है,जो दो जून की रोटी उपलबà¥à¤§ करा सके, वह शिकà¥à¤·à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ दे रही है, कà¥à¤¯à¤¾ परोस रही है इससे शायद ही कोई चिंतित होगा.à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•à¤¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥€ यà¥à¤— में जलà¥à¤¦à¥€ से जलà¥à¤¦à¥€ अधिक से अधिक धन कमाने की लालसा शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ कहे जाने वाले वरà¥à¤— की सोच को à¤à¥€ दूषित बना रही है. आज यà¥à¤µà¤¾ बड़ी बड़ी डिगà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ तो पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर लेते हैं पर उनमे नैतिक और मानवीय आदरà¥à¤¶à¥‹ का विकास नहीं हो पाता.बहà¥à¤¤ दà¥à¤ƒà¤– होता है जब हम समाचारों में पढ़ते है --''à¤à¤• पà¥à¤¤à¥à¤° ने माठका गला काट डाला...सगे पà¥à¤¤à¥à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पिता की निरà¥à¤®à¤® हतà¥à¤¯à¤¾ ....'',à¤à¤¸à¥‡ समाचार हमें वà¥à¤¯à¤¥à¤¿à¤¤ करते हैं ,पीड़ा पहà¥à¤‚चाते हैं, इस लेख को लिखने का मेरा उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ à¤à¥€ यही है, ..वासà¥à¤¤à¤µ में शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ होना à¤à¤• पूरà¥à¤£ सà¥à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¥ƒà¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करना है. ---
विदà¥à¤¯à¤¾ ददाति विनयम,
विनयाद यति पातà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤®
पातà¥à¤°à¤¤à¥à¤µà¤¾à¤¦ धनमापà¥à¤¨à¥‹à¤¤à¥€,
धनात धरà¥à¤® ,ततः सà¥à¤–ं
विदà¥à¤¯à¤¾ विनय देती है ,जिससे योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ आती है, योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ से धन ,और धन से धरà¥à¤® सिदà¥à¤§ होता है ,जहाठधरà¥à¤®;[करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯,निषà¥à¤ ां करूणा,दया] है वहां सà¥à¤–़ ही सà¥à¤–़ है ''
अतः आज शिकà¥à¤·à¤¾ का हमारे जीवन में बहà¥à¤¤ महतà¥à¤¤à¥à¤µ है. पर वह शिकà¥à¤·à¤¾ जो सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ नहीं,समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ मनà¥à¤·à¥à¤¯ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कर सके वही सफल है