सामानà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सितमà¥à¤¬à¤° 2014 : इतिहास
- कृषà¥à¤£à¤¦à¥‡à¤µ राय का शासनकाल ‘तेलà¥à¤—ू साहितà¥à¤¯ का कà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¿à¤•à¥€ यà¥à¤—’ माना जाता है। उसके दरबार को तेलà¥à¤—ू के आठमहान विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥ à¤à¤µà¤‚ कवि (जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अषà¥à¤Ÿ दिगà¥à¤—ज कहा जाता है) सà¥à¤¶à¥‹à¤à¤¿à¤¤ करते थे। अतः उसे आंधà¥à¤° à¤à¥‹à¤œ कहा जाता है।
- ‘किताब-उल-हिनà¥à¤¦’ नामक पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• की रचना अलबरूनी ने की थी। अलबरूनी अरबी, फारसी, तà¥à¤°à¥à¤•à¥€, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤, गणित, खगोल का पà¥à¤°à¤®à¥à¤– जानकार था। उसकी कà¥à¤² 14 पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ में ‘किताब-उल–हिनà¥à¤¦’ सबसे अधिक लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• थी। उसकी इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• को दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ के इतिहास का पà¥à¤°à¤®à¥à¤– सà¥à¤°à¥‹à¤¤ माना जाता है।
- चारà¥à¤²à¥à¤¸ वà¥à¤¡ के पतà¥à¤° की सà¤à¥€ सिफारिशें लागू कर दी गई। पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ शिकà¥à¤·à¤¾ परिषदॠऔर लोक शिकà¥à¤·à¤¾ समिति के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर 1855 में लोक शिकà¥à¤·à¤¾ विà¤à¤¾à¤— सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर दिया गया। तीनों विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ बमà¥à¤¬à¤ˆ, कलकतà¥à¤¤à¤¾ और मदà¥à¤°à¤¾à¤¸ 1857 में असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में आà¤à¥¤
- 14 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ, 1942 को वरà¥à¤§à¤¾ में आयोजित कारà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¿à¤¤à¤¿ की बैठक ‘à¤à¤¾à¤°à¤¤ छोड़ो आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨’ पर à¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ पारित किया गया। 7 अगसà¥à¤¤, 1942 को बमà¥à¤¬à¤ˆ के à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ टैंक मैदान में अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ कमेटी की वारà¥à¤·à¤¿à¤• बैठक हà¥à¤ˆ, (अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ मौलाना अबà¥à¤² कलाम आजाद ने की) बैठक में वरà¥à¤§à¤¾ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ (à¤à¤¾à¤°à¤¤ छोड़ो आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨) की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ कर दी गई।
- 19वीं शताबà¥à¤¦à¥€ के पारसी समाज सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤• बहरामजी à¤à¤®. मालाबारी थे। इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने 1885 में सेवासदन नामक सामजिक सà¥à¤§à¤¾à¤° तथा मानवतावादी संगठन की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की थी।
इस अंक में ...