खà¥à¤²à¥‡ आसमां में सोये थे कà¥à¤› शकà¥à¤¸ इस तरह से ;
लिपट कर रो रहा हो बचà¥à¤šà¤¾ मां के आà¤à¤šà¤² में जिस तरह से
अधॠनगà¥à¤¨ था हर शकà¥à¤¸ न लिबास था बदन पे,
बे हिसाब - बे सबब कहर जड़ों कि रात उन पे,
कहिं तो लाट कि चदà¥à¤¦à¤° मखमल के बिसà¥à¤¤à¤° हैं ;
किसी के बाप नेता हैं , तो मामा à¤à¥€ मिनिसà¥à¤Ÿà¤° हैं ,
कहिं à¤à¥‚ख़ बेबसी से कà¥à¤› लोग मर रहे हैं ;
कहिं गोदामों में à¤à¥€ बेहिसाब पैसे à¤à¥€ सड़ रहे हैं ,
कहिं मà¥à¤°à¥€à¤¦ हो न जाना तà¥à¤® जमाने के शान-वो-शौकत का ;
कि नाटक कर रही है दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ अशà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤¤ में इस तरह से ,
लिपट कर रो रहा हो बचà¥à¤šà¤¾ मां के आà¤à¤šà¤² में जिस तरह से ;
लिपट कर रो................................................................