25 अगसà¥à¤¤ 2014 समय सà¥à¤¬à¤¹ 6 बजे वही समय जब शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ सतना जिले में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ चितà¥à¤°à¤•à¥‚ट के कामतानाथ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ के मंदिर सहित कामदगिरी परà¥à¤µà¤¤ परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ में बढ़चढ़कर à¤à¤¾à¤— ले रहे थे, किसी ने यह नहीं सोचा था कि उनकी यह परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ आखिरी परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ होगी। और उनकी जिदंगी के सांसें चंद मिनटों में समापà¥à¤¤ हो जायेंगी। बस बचेगी तो हर तरफ पà¥à¤•à¤¾à¤°-ही-पà¥à¤•à¤¾à¤° चीख-ही-चीख जिसे कोई सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ और समà¤à¤¨à¥‡ वाला नहीं होगा बस होगा तो वहां à¤à¤¾à¤—ने वाला ही होगा, और आसà¥à¤¥à¤¾ के सैलाब के à¤à¤—दड़ के बवनà¥à¤¡à¤° में बस मिलेगी तो केवल आसà¥à¤¥à¤¾ के पà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की लाशें ही लाशें जिनके फोटो खीचने वाले तो हजारों मिल जायेंगें पर उन जिदंगियों को सहारा देने वाला कोई नहीं मिलेगा। जी हॉं में बात कर रहा हूं मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सतना जिले में à¤à¤—वान राम की तपोसà¥à¤¥à¤²à¥€ कही जाने वाली चितà¥à¤°à¤•à¥‚ट नगरी की जहॉं की à¤à¥‚मि ऋषियों और मà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के तप से पावन बन गई, माना जाता है कि à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® ने सीता और लकà¥à¤·à¥à¤®à¤£ के साथ अपने वनवास के चौदह वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में से गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ वरà¥à¤· इसी पावन à¤à¥‚मि पर बिताठथे। इसी à¤à¥‚मि पर ऋषि अतà¥à¤°à¤¿ और माता सती अनसà¥à¤‡à¤¯à¤¾ ने धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ लगया था। तथा बà¥à¤°à¤®à¥à¤¹à¤¾ विषà¥à¤£à¥‚ और महेश ने इसी पावन à¤à¥‚मि पर सती अनसà¥à¤‡à¤¯à¤¾ के घर जनà¥à¤® लेकर इसी धरती को धà¥à¤¨à¥à¤¯ कर दिया था। जो मंदाकिनी नदी के किनारे पर बसा ‘’चितà¥à¤°à¤•à¥‚ट धाम’’ के नाम से जाना जाने जगा और आज à¤à¥€ इस चितà¥à¤°à¤•à¥‚ट धाम कि महिमा लोग गाते चले आ रहे हैं। मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के कà¥à¤› हिसà¥à¤¸à¥‡ सहित उतà¥à¤¤à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के 38,2 वरà¥à¤—मीटर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में फैला शांत और सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° चितà¥à¤°à¤•à¥‚ट धाम पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और ईशà¥à¤µà¤° कि अनà¥à¤ªà¤® देन है। चारों और से विनà¥à¤§à¥à¤¯ परà¥à¤µà¤¤ शà¥à¤°à¥ƒà¤–ंलाओं और वनों से घिरे चितà¥à¤°à¤•à¥‚ट को अनेक आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¥‹ की पहाडी कहा जाता है। इस à¤à¥‚मि पर मंदाकिनी नदी के किनारे बने अनेक घाट और मंदिर में पूरे साल शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं का आना-जाना लगा रहता है। इसी के चलते à¤à¤²à¥‡ ही पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने सोमवती अमावसà¥à¤¯à¤¾ के दिन शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के लिठपà¥à¤–à¥à¤¤à¤¾ इंतजाम किये हों, पर इस धारà¥à¤®à¤¿à¤• नगरी में हà¥à¤ हादसे ने à¤à¤• बार फिर मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के रतनगढ़ में हà¥à¤ हादसे की à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹ तसà¥à¤µà¥€à¤° सामने ला दी है। मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के रतनगढ़ हादसे ने शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को जो जखà¥à¤® दिये वो पूरे à¤à¤° à¤à¥€ नहीं पाये कि à¤à¤• और बड़े हादसे कि à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹ तसà¥à¤µà¥€à¤° हमारे सामने हैं। नौ महीने पहले रतनगढ़ हादसे में लगà¤à¤— 117 लोग आसà¥à¤¥à¤¾ के सैलाब के à¤à¤—दड़ के बवनà¥à¤¡à¤° के काल के गाल में समा गये। परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प शासन पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने à¤à¤¸à¥€ घटनाओं को à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में रोकने हेतॠवà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• सà¥à¤¤à¤° पर इंतजामात किये थे। फिर à¤à¥€ धारà¥à¤®à¤¿à¤• नगरी चितà¥à¤°à¤•à¥‚ट में परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ के दौरान आसà¥à¤¥à¤¾ के उस सैलाब के à¤à¤—दड़ के बवनà¥à¤¡à¤° में 10 शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की मौत हो गई और सैकड़ों लोग जिंदगी और मौत से लड़ रहें हैं। कà¥à¤¯à¤¾ आसà¥à¤¥à¤¾ के मंदिर में घटी इन घटनाओं की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ लेने का काम मातà¥à¤° शासन और पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ का हैं? या फिर इन घटनाओं के दोषी मूल रूप से आसà¥à¤¥à¤¾ के वे पूजारी à¤à¥€ हैं, जो कà¤à¥€ साईं को à¤à¤—वान मानने से इंकार करते हैं तो कà¤à¥€ धरà¥à¤® की आड़ में à¤à¤—वान को बॉटने के काम में लगे हà¥à¤ हैं। पर कà¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देश के धारà¥à¤®à¤¿à¤• तीरà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर लगने वाले मेलों में शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की बात नहीं की । à¤à¤¾à¤°à¤¤ देश में सà¤à¥€ को सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¾ का अधिकार पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है, जिसके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कोई à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को यह अधिकार पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है कि वो किसी धरà¥à¤® अथवा मंदिर या à¤à¤—वान के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आसà¥à¤¥à¤¾ रख सकता है। फिर à¤à¥€ हम यह सब à¤à¥‚लकर अपने धरà¥à¤® या अपने मंदिर को शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ सावित करने में नहीं हिचकिचाते हैं। आखिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? देश के तमाम मंदिरों और धारà¥à¤®à¤¿à¤• तीरà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर आने वाले शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की बेहतर सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ और उनकी जानमाल की रकà¥à¤·à¤¾ करने की बात करने वाला कोई नहीं है। कà¥à¤¯à¤¾ आपकी आसà¥à¤¥à¤¾ के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर आपकी सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ करने की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ मातà¥à¤° शासन पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ की है? या फिर उन लोगों की à¤à¥€ है जो à¤à¤—वान को बॉंटने की कसम खा बैठे हैं। à¤à¤• ओर शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को रतनगढ़ हादसे ने दिये जखà¥à¤® à¤à¤° à¤à¥€ नहीं पाये कि सोमवती अमावसà¥à¤¯à¤¾ के दिन लगà¤à¤— नौ महीने के अंतराल में धारà¥à¤®à¤¿à¤• नगरी कही जाने वाली चितà¥à¤°à¤•à¥‚ट नगरी के कामतानाथ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ के कामदगिरी परà¥à¤µà¤¤ की परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ के समय मची à¤à¤—दड़ ने लगà¤à¤— 10 शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की जान ले ली। और कई लोग गंà¤à¥€à¤° रूप से घायल हो गये। à¤à¤²à¥‡ ही शासन पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने मृतकों को दो-दो लाख रूपये देने की घोषणा की हो और घायलों को 10-10 हजार रूपये देने की घोषणा की हो पर शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं के घाव रूपयों से à¤à¤°à¤¨à¥‡ वाले नहीं हैं। धारà¥à¤®à¤¿à¤• नगरी की इस à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹ घटना ने शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं सहित तमाम सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सियों के रोंगटे जरूर खड़े कर दिये होंगे और उन घटनाओं की यादें ताजा कर दी होगी जिन घटनाओं में सैकड़ों शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं ने अपनी आसà¥à¤¥à¤¾ के मंदिरों में तीरà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में थोड़ी सी लापरवाही से जान दे दी। कà¥à¤¯à¤¾ इन घटनाओं की पà¥à¤¨à¤°à¤¾à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में होगी ? कà¥à¤¯à¤¾ इन घटनाओं से शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ सहित शासन पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ सबक लेगा? कà¥à¤¯à¤¾ घटना के कारणों को फिर से नजरअंदाज किया जावेगा ? कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किये गये वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• इंतजामात फिर से धरे-के-धरे रह जायेंगे ? कà¥à¤¯à¤¾ शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की धारà¥à¤®à¤¿à¤• तीरà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ हेतॠधरà¥à¤® संसद में इकठà¥à¤ ा हà¥à¤ लोग धारà¥à¤®à¤¿à¤• तीरà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की बेहतर सूरकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ हेतॠइकठà¥à¤ ा हो पायेंगें ? कà¥à¤¯à¤¾ धारà¥à¤®à¤¿à¤• परिसमà¥à¤®à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर पैनी नजर रखने वाले जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° लोग शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पर à¤à¥€ पैनी नजर रख पायेंगे? तमाम तरह के सबाल इस धारà¥à¤®à¤¿à¤• नगरी में घटी घटना से जनà¥à¤® लेतें हैं। जिनका जवाब देने की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ मातà¥à¤° शासन पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ की नहीं है बलà¥à¤•à¤¿ उन लोगों की à¤à¥€ जो कà¤à¥€ साईं को à¤à¤—वान मानने से इंकार करते तो कà¤à¥€ धरà¥à¤® की आड़ में à¤à¤—वान को बॉंटने का काम करतें हैं। देश में धारà¥à¤®à¤¿à¤• तीरà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर लगने वाले मेलों में घटी à¤à¤¸à¥€ घटनाओं ने शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की कमर तोड़ कर रख दी है। à¤à¤¸à¥€ घटनाओं से सबक लेना मातà¥à¤° शासन पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ का काम नहीं है बलà¥à¤•à¤¿ हम सबको à¤à¤¸à¥€ दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤ªà¥‚रà¥à¤£ घटनाओं से सबक लेना होगा। और यह कसम खानी होगी कि हम किसी à¤à¥€ धारà¥à¤®à¤¿à¤• तीरà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के मेले में à¤à¤—दड़ के बवनà¥à¤¡à¤° से होने वाली अफवाहों पर पैनी नजर रखकर शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¤¾à¤²à¥à¤“ं के लिये बनने वाली विपरीत परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को उनके अनà¥à¤•à¥‚ल बनाने में कसर नहीं छोड़ेगे। तà¤à¥€ हम रतनगढ़ हादसे या कामदगिरी परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ में हà¥à¤ हादसों की पà¥à¤¨à¤°à¤¾à¤µà¤¼à¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ रोक पायेंगे। à¤à¤—वान राम की तपोसà¥à¤¥à¤²à¥€ कही जाने वाली नगरी में सोमवती अमावसà¥à¤¯à¤¾ के दिन कामदगिरी परà¥à¤µà¤¤ की परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ के समय घटी घटना से हम सबको सबक लेना ही होगा। और पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ के वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ इंतजामातों को अपनी सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के इंतजाम से जोड़कर सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ इंतजाम को और मजबूत बनाना ही होगा। धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में घटी इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की घटनाओं के जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° कारण à¤à¤• शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बोगस अफवाह फैलाना रहा है। और उसकी à¤à¥…ूठी अफवाह को शà¥à¤°à¥ƒà¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ अपने मन और मसà¥à¤¤à¤¿à¤• में उतारकर à¤à¤—दड़ जैसे बवनà¥à¤¡à¤° को जनà¥à¤® दे देते हैं, अनà¥à¤œà¤¾à¤® आपके सामने हैं। फिर à¤à¥€ हम धारà¥à¤®à¤¿à¤• तीरà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में लगने वाले मेलों की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की बात करना à¤à¥‚ल जाते हैं। और कà¤à¥€ धरà¥à¤® की आड़ में à¤à¤—वान को बॉटने में लगे रहते हैं तो कà¤à¥€ धरà¥à¤® ससंद के बहाने साईं को à¤à¤—वान ना मानने के लिठइकठà¥à¤ ा हो जाते हैं। आखिर कब तक हम लोग अपनी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ से जी चà¥à¤°à¤¾à¤¤à¥‡ रहेंगे और धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में मची à¤à¤—दड़ के बवनà¥à¤¡à¤° के काल के गाल में समाते रहेगें ?