देश की सीमाओं की रकà¥à¤·à¤¾ जवान करते है चाहे वो थल सेना के हों, वायॠसेना के या जल सेना के | विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के इस यà¥à¤— में शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ सेना का मानक जवानों की संखà¥à¤¯à¤¾ नहीं अपितॠआधà¥à¤¨à¤¿à¤• हथियारों से लेस सेना से लगाया जाता है | देश की थल सीमाओं के साथ साथ जल सीमाओं पर à¤à¥€ जवान चोकसी करते है और देशवासियों की हिफाज़त करते है | जल सेना (नेवी) के पास यà¥à¤¦à¥à¤§ पोत, नौकाà¤à¤‚, हेलीकापà¥à¤Ÿà¤°, लड़ाकू विमान जैसे आधà¥à¤¨à¤¿à¤• यà¥à¤¦à¥à¤§à¤• वाहन होते है | इनमे सबसे अहम व सबसे बड़ा होता है विमान वाहक पोत |
दरअसल विमान वाहक पोत ने यà¥à¤¦à¥à¤§ के दायरे को बढ़ाने में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤ˆ है इसके माधà¥à¤¯à¤® से कोई देश अपनी à¤à¥‚मि से दूर à¤à¤• चल यà¥à¤¦à¥à¤§ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर सकता है जहाठसे यà¥à¤¦à¥à¤§ की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकता है | वायà¥à¤¯à¤¾à¤¨ वाहक पोत à¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के यà¥à¥à¤¦à¥à¤§ पोत होते है जो तैरते हà¥à¤ विमान तल के समान उपयोग मे लाये जाते है। यह कई लड़ाकू वायà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥‹ को लेकर तैर सकते है इस कारण से इनका आकार अनà¥à¤¯ किसी à¤à¥€ यà¥à¤¦à¥à¤§ पोत से विशाल होता है। इस पोत पर à¤à¤• रन वे (उड़ान पटà¥à¤Ÿà¥€) à¤à¥€ होती है जहाठसे वायà¥à¤¯à¤¾à¤¨ उड़ान à¤à¤° सकते है अथवा उतर सकते है।
यह किसी जहाजी बेड़े का पà¥à¤°à¤®à¥à¤– जहाज होता है | इसका निरà¥à¤®à¤¾à¤£ बेहद महंगा होता है | साथ ही इसके निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की तकनीक बहà¥à¤¤ जटिल होती है | वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में विशà¥à¤µ में 37 सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ विमान वाहक पोत है | जिनमे से संयà¥à¤•à¥à¤¤ राजà¥à¤¯ अमेरिका के पास 10 सà¥à¤ªà¤° विमान वाहक पोत है जो नà¥à¤¯à¥‚कà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤° पॉवर से संचालित हैं | à¤à¤• सà¥à¤ªà¤° विमान वाहक पोत à¤à¤• साथ 90 लड़ाकू विमान तक ले जा सकता है व उनका सञà¥à¤šà¤¾à¤²à¤¨ किया जा सकता है | साथ ही अमेरिका के पास 9 विमान वाहक पोत इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के हैं जिन पर 25 जेट विमान ले जाये जा सकते है व उनका सञà¥à¤šà¤¾à¤²à¤¨ किया जा सकता है | विशà¥à¤µ यà¥à¤¦à¥à¤§à¥‹à¤‚ के दौरान विमान वाहक पोतों का उपयोग किया गया और शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ पोतों के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में तेजी आई |Â
दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के पà¥à¤°à¤¥à¤® विमान वाहक पोत का शà¥à¤°à¥‡à¤¯ HMS Argus को जाता है जिस पर 1918 में नौसेना के विमान ने उडान à¤à¤°à¥€ व पà¥à¤¨à¤ƒ लैंडिंग की |
1.INS विराट : बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¨ से 1986 में खरीदे गठ28,700 टन वजनी आईà¤à¤¨à¤à¤¸ विराट को 1987  में नौसेना में शामिल किया गया व इसके 2019 तक सेना में सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ रूप से पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— लिठजाने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है |
2.INS विकà¥à¤°à¤®à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ : 45,400 टन वजनी INS विकà¥à¤°à¤®à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ कीव कà¥à¤²à¤¾à¤¸ का विमान वाहक पोत है जिसे à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने 2.35 बिलियन डॉलर में 2004रूस से ख़रीदा था इस पोत ने जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2013  में समà¥à¤¦à¥à¤°à¥€ परिकà¥à¤·à¤£ व  सितमà¥à¤¬à¤° 2013  में वैमानिकी परिकà¥à¤·à¤£ पूरà¥à¤£ कर लिठहै |
3.सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ विमान वाहक पोत आईà¤à¤¨à¤à¤¸ विकà¥à¤°à¤¾à¤‚त : à¤à¤¾à¤°à¤¤ 2009  से 260 मीटर लमà¥à¤¬à¥‡ 40,000 टन वजनी विमान वाहक पोत का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कर रहा है जिसकी अनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ लागत 762 मिलियन डॉलर है | इस विमान वाहक पोत से मिग-29K, तेजस लड़ाकू विमान के  नेवी संसà¥à¤•à¤°à¤£, सी हैरीà¤à¤° विमान व सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ धà¥à¤°à¥à¤µ हेलीकापà¥à¤Ÿà¤° का सञà¥à¤šà¤¾à¤²à¤¨ किया जा सकेगा | यह पोत 4 गैस टरबाइन इंजन से संचालित होगा व इसकी रेंज 8000 नौटिकल मील (लगà¤à¤— 15,000 किलोमीटर ) होगी | इस पोत पर 160 ऑफिसर, 1400 सैनिक व  30  यà¥à¤¦à¥à¤§à¤• विमानों को रखा जा सकेगा |इस पोत का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कोचीन शिपयारà¥à¤¡ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया जा रहा है | इसके 2018 तक à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नौसेना में शामिल होने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है |