सामान्य ज्ञान - नवम्बर 2014 : राजव्यवस्था

मुख्यमंत्री का राज्यपाल से संबंध :-

हमारा देश एक संघीय व्यवस्था में गुथा हुआ है। अपने इस कड़ी में हम राज्य के मुख्यमंत्री के राज्यपाल के साथ संबंध की व्याख्या करेंगे...............................

राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री की नियुक्ति होती है। मुख्यमंत्री के परामर्श पर मंत्रिपरिषद के अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा होती है। यदि राज्य का शासन संविधान के अनुकूल नहीं चल रहा होता है, तो राज्यपाल की रिपोर्ट पर देश का राष्ट्रपति राज्य के मंत्रिमंडल को भंग कर सकता है। मुख्यमंत्री राज्यपाल का प्रमुख परामर्शदाता होता है। मुख्यमंत्री की सलाह पर वह विधानसभा को भंग कर सकता है।

मुख्यमंत्री राज्यपाल एवं मंत्रिपरिषद के बीच के कड़ी के आधार पर कार्य करता है। वह राज्यपाल को मंत्रिपरिषद के निर्णयों के संबंध में सूचना देता है। वास्तव में मंत्रिपरिषद का अध्यक्ष होने के नाते संविधान ने उसका यह कर्तव्य निश्चित किया है कि वह राज्यपाल को न केवल मंत्रिपरिषद के निर्णयों के संबंध में सूचना ही दे, अपितु उसे शासन और विधान संबंधी सुझावों के संबंध में भी सूचित करे। उसे राज्यपाल के कहने पर किसी भी ऐसे मामले को, जिस पर मंत्रीपरिषद ने विचार न किया हो, मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत करना होता है। वस्तुतः मुख्यमंत्री राज्य प्रशासन की धुरी तथा उसका वास्तविक प्रधान होता है।


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