आप तो यह जानते ही होंगे कि पेटà¥à¤°à¥‹à¤² पृथà¥à¤µà¥€ की बहà¥à¤¤ गहराई में होता है। जो मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤ƒ समà¥à¤¦à¥à¤° की गहराई से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है, जिसे तेल का कà¥à¤†à¤ कहते हैं। लेकिन कà¥à¤¯à¤¾ आप जानते हैं कि मिटà¥à¤Ÿà¥€ से à¤à¥€ तेल निकाला जा सकता है। जी हाà¤, शैल मिटà¥à¤Ÿà¥€ से à¤à¥€ निकलता है पेटà¥à¤°à¥‹à¤²à¥¤à¤¶à¥ˆà¤² à¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की मिटà¥à¤Ÿà¥€ है। इसकी महीन तहें होती हैं। सà¥à¤•à¥‰à¤Ÿà¤²à¥ˆà¤‚ड में इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की मिटà¥à¤Ÿà¥€ काफी पाई जाती है। शैल मिटà¥à¤Ÿà¥€ को खदानों (खानों) से कोयले के समान ही निकाला जाता है। इसे खदान से निकालकर पीसने या टà¥à¤•à¤¡à¤¼à¥‡ करने वाली मशीनों से बारीक किया जाता है। इसके बाद à¤à¤• विशेष विधि से इससे तेल निकाला जाता है।
इस विधि में शैल मिटà¥à¤Ÿà¥€ को लगà¤à¤— 1600° फैरनहाईट तक गरà¥à¤® किया जाता है। गरà¥à¤® करते समय इसे आगे की ओर खिसकाया जाता है। इसमें गरà¥à¤®à¥€ बहà¥à¤¤ धीमी गति से पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤ˆ जाती है। इससे यह मिटà¥à¤Ÿà¥€ अचà¥à¤›à¥€ तरह पक जाती जाती और इससे काफी मातà¥à¤°à¤¾ में तेल निकल आता है। कोयले से वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर पेटà¥à¤°à¥‹à¤² तथा अनà¥à¤¯ कीमती तेल बनाने के लिठ'हाइडà¥à¤°à¥‹à¤œà¤¨à¥‡à¤¶à¤¨' विधि का उपयोग किया जाता है। à¤à¤• जरà¥à¤®à¤¨ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• ने इस विधि का अविषà¥à¤•à¤¾à¤° किया था। इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड में सरकार की सहायता से à¤à¤• बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ फरà¥à¤® ने इस विधि से वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• मातà¥à¤°à¤¾ में कोयले से पेटà¥à¤°à¥‹à¤² निकालने में सफलता पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की। डरहम (डरà¥à¤¬à¤¨) के 'विलिंगहम' में 1933 में à¤à¤• कारखाना सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया गया जो पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ लगà¤à¤— दस टन कोयले से तेल निकालने में सफल हà¥à¤† है।इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° वहाठà¤à¤• वरà¥à¤· में लगà¤à¤— à¤à¤• लाख टन पेटà¥à¤°à¥‹à¤² निकाला जाता है। इतना पेटà¥à¤°à¥‹à¤² बनाने के लिठपाà¤à¤š गà¥à¤¨à¤¾ कोयले की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है। इस विधि में अचà¥à¤›à¥€ तरह चूरा किये गठकोयले और तेल के मिशà¥à¤°à¤£ से हाइडà¥à¤°à¥‹à¤œà¤¨ बनाने से पेटà¥à¤°à¥‹à¤² बनता है। परनà¥à¤¤à¥ इस विधि में यह आवशà¥à¤¯à¤• है कि सही पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की सà¥à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤Ÿ निकालने के लिठआवशà¥à¤¯à¤• समय, तापमान तथा दबाव― तीनों का सही व उतà¥à¤¤à¤® मेल हो।