नव-वरà¥à¤·
नया दिन
साल का पà¥à¤°à¤¥à¤® दिन
नई शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ !
पर किसकी ?
जीवन वही
लोग वही
समाज वही
जीने की शरà¥à¤¤à¥‡à¤‚ वही
सोच वही
कà¥à¤‚ठाà¤à¤‚ वही
माह à¤à¥€ वही
और उनमें शामिल दिनों की
गिनती à¤à¥€ ?
उफ़à¥à¥ž… वही !
तो इस 'नव-वरà¥à¤· ' में
उमà¥à¤®à¥€à¤¦ किससे ?
नई आशाà¤à¤‚ ?
नई उमंगें ?
नई तरंगें ?
नठसपने ?
फिर से कà¥à¤²à¤¬à¥à¤²à¤¾ रहे न ?
चलो दिया, आज की
पहली सà¥à¤¬à¤¹ का
पहला सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ !
पर अब आà¤à¤–ें खोलकर
à¤à¤• कोशिश
तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ हो
छोड़ो गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ का चकà¥à¤•à¤°
न कोसो क़िसà¥à¤®à¤¤ को
जला दो इन कà¥à¤‚डलियों को
जो बैठीं हैं , हर जगह
अपना फन उठाये
वरà¥à¤· कà¥à¤› नहीं कर पाता कà¤à¥€
करना होगा हमें ही
बदलनी होगी सोच
तो बदलेगा रवैया
दिखेगा परिवरà¥à¤¤à¤¨ समाज में
कम होंगीं कà¥à¤‚ठाà¤à¤‚
थोड़ा आसान जीवन
कà¥à¤› खà¥à¤¶à¤¨à¥à¤®à¤¾ शरà¥à¤¤à¥‡à¤‚
थोड़ी मà¥à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤¨
थोड़ी और ज़िनà¥à¤¦à¤—ी
'बस करà¥à¤® का ही अरà¥à¤¥ है
अपेकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ है'
और फिर होतें ही रहेंगे
जाने कितने 'साल मà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤• '
मेरे, तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡, हम सबके !
खà¥à¤¶ रहें ! खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤ बाटें !
दà¥à¤ƒà¤– का खरीददार यहाठकोई नहीं !