ये तसà¥à¤µà¥€à¤°, मेरी पसंदीदा तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है। 5-6 वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ की बात है, मैं सपरिवार राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ यातà¥à¤°à¤¾ पर निकली थी, तà¤à¥€ जोधपà¥à¤° जाने का à¤à¥€ संयोग बना ! वहाठकिले के बाहर बैठे, à¤à¤• हà¤à¤¸à¤¤à¥‡-गाते परिवार को देखकर क़दम वहीठठहर गठ! आदतानà¥à¤¸à¤¾à¤°, उनसे थोड़ी बातें कीं तो पता चला कि मà¥à¤–िया का नाम जीवनराम है और वो पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ यहीं बैठकर 'रावणहतà¥à¤¥à¤¾' नामक वादà¥à¤¯-यंतà¥à¤° बजाते हैं ! परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•à¥‹à¤‚ का मनोरंजन हो जाता है और उनका जीविकोपारà¥à¤œà¤¨ à¤à¥€ ! उनके पà¥à¤°à¤–े à¤à¥€ यही करते आये थे !
à¤à¤• à¤à¥€à¤¨à¥€-सी, लाल-नारंगी चादर और उस पर पारमà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤• वेशà¤à¥‚षा में विराजमान उनका छोटा-सा परिवार ! बचà¥à¤šà¥‡ की आà¤à¤–ों में अनगिनत, पà¥à¤¯à¤¾à¤° à¤à¤°à¥€ शैतानियाठकà¥à¤²à¤¬à¥à¤²à¤¾ रहीं थी और पà¥à¤¯à¤¾à¤¸ न होते हà¥à¤ à¤à¥€ वो पानी सिरà¥à¤« मà¥à¤à¥‡ 'tease' करने के लिà¤, पिठजा रहा था ! बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के साथ मेरी खूब बनती है, सो मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ उसे छेड़ने में बहà¥à¤¤ मज़ा आ रहा था ! जैसे ही मैंनें तसà¥à¤µà¥€à¤° खींचने का मन बनाया, उसकी माठने शरमाकर घूà¤à¤˜à¤Ÿ और नीचे कर लिया ! मैं à¤à¤¸à¤¾ चाहती तो नहीं थी, पर उनकी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का आदर करते हà¥à¤ à¤à¤Ÿà¤ªà¤Ÿ घूंघट वाली ये तसà¥à¤µà¥€à¤° ले डाली। थोड़ी देर बैठी और फिर उनसे विदा ली ! पर वहाठसे लौटने के बाद à¤à¥€ उस औरत का चेहरा, उस बचà¥à¤šà¥‡ की शैतानी à¤à¤°à¥€ आà¤à¤–ें और जीवनराम जी के 'रावणहतà¥à¤¥à¥‡' का मधà¥à¤° संगीत साथ ही गूà¤à¤œà¤¤à¤¾ रहा !
समय बीता और अब मैं, 'साहितà¥à¤¯-रागिनी वेब पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾' की संपादक थी और मई '2014 अंक के लिठइसी शहर से à¤à¤• चितà¥à¤° की तलाश में थी ! अचानक यही परिवार, आà¤à¤–ों के सामने तैरने लगा ! फटाफट पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ अलबम खंगाली और इस चितà¥à¤° को ढूंढ ही निकाला ! पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ का आकरà¥à¤·à¤• मà¥à¤–पृषà¥à¤ बनाया ! लेकिन मन फिर à¤à¥€, कहीं कचोटता रहा कि जिसकी तसà¥à¤µà¥€à¤° है, उससे तो मैनें अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ ली ही नहीं ! यह बात मैनें पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ संपादक, करीम पठान अनमोल से साà¤à¤¾ की ! बात आई-गई हो गई !
à¤à¤• दिन अचानक करीम à¤à¤¾à¤ˆ का फ़ोन आया, जिसे सà¥à¤¨à¤•à¤° सहसा विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ ही नहीं हà¥à¤† ! नहीं, ये असंà¤à¤µ है ! ये सच हो ही नहीं सकता ! कहाठतो मैं इस परिवार से फिर मिलने का सोच रही थी, और कहाठअब उसका à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° सहारा ही उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ छोड़कर जा चà¥à¤•à¤¾ था ! सड़क-दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ में जीवनराम जी को मृतà¥à¤¯à¥ के कà¥à¤°à¥‚र हाथों ने लील लिया था ! तसà¥à¤µà¥€à¤° बदल चà¥à¤•à¥€ थी ! अब अपने परिवार के साथ, उनकी पतà¥à¤¨à¥€ और बचà¥à¤šà¥‡ का à¤à¤°à¤£-पोषण उनके à¤à¤¾à¤ˆ पपà¥à¤ªà¥‚राम जी कर रहे हैं ! दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ और हैरत की बात है, कि ये हादसा à¤à¥€ पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ के उस अंक के निकलने के आसपास ही हà¥à¤† ! शायद ये कोई संकेत था , कि मà¥à¤à¥‡ वहाठजाना चाहिये !
शहर वही, किला वही, जगह वही, वादà¥à¤¯-यंतà¥à¤° वही ...... à¤à¤• बचपन अà¤à¥€ à¤à¥€ है वहां ! पर अब मà¥à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤¨ नहीं दिखती, à¤à¤• रंगीन खà¥à¤¶à¤®à¤¿à¥›à¤¾à¥› तसà¥à¤µà¥€à¤°, बदलते समय के साथ 'रंगहीन' हो चà¥à¤•à¥€ है ! क़à¥à¤¦à¤°à¤¤ ने , इन चेहरों के सारे रंग निचोड़ लिठहैं ! सà¥à¤¨à¤¾ है, ये शहर 'होली' खूब खेलता है, यहाठका रंग आसानी से उतरता नही....!
कà¥à¤¯à¤¾ मैं इस शहर से उमà¥à¤®à¥€à¤¦ करूठ, कि ये बदली तसà¥à¤µà¥€à¤° फिर रंगीन हो जायेगी ? ज़िनà¥à¤¦à¤—ी फिर यहाठमà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤à¤—ी? जवाब आपके पास है, पता और नंबर नीचे लिखा है -
पपà¥à¤ªà¥‚राम s/o कालूराम à¤à¥€à¤² (नायक)
à¤à¥‹à¤®à¤¿à¤¯à¤¾à¤ जी के मंदिर के पास, खोखरिया
जोधपà¥à¤°- 342027, राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨
मो.- 09509165921