दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ अà¤à¥€ हाल ही में मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आगामी वरà¥à¤· की शिकà¥à¤·à¤¾ नीति का खाका तैयार करने संबंधी खबरें जोर शोर से सोशल मीडिया à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤Ÿ मीडिया पर छाईं रहीं, शिाकà¥à¤·à¤¾ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में बेहतर परिणामों की चाह में सरकार नित नये फारà¥à¤®à¥‚लों पर विचार कर रही है, जिनकी तारीफ करनी ही होगी। सोशल मीडिया à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¿à¤¨à¥à¤Ÿ मीडिया की खबरों से शिकà¥à¤·à¤¾ महकमे में सनाका खिच ही गया, और शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ ने लगे हाथ मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ सरकार को कोषना à¤à¥€ चालू कर दिया । बहरहाल शिकà¥à¤·à¤¾ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में शासन और सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किठजा रहे अà¤à¤¿à¤¨à¤µ सà¥à¤§à¤¾à¤° के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में कहीं ना कहीं जनकलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ सोच निहित है। जिसके परिणाम दूरगामी जरूर हो सकते हैं, पर इस वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ ने उन शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ के कान खड़े कर दिये हैं, जो हपà¥à¤¤à¥‡ में à¤à¤• दिन सà¥à¤•à¥‚ल की चौखट पर पैर रखने जाते हैं। और सà¥à¤•à¥‚ल से वापस आसपास की गपà¥à¤ªà¥‡ मारकर चले आतें है।
मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के 21 हजार सरकारी सà¥à¤•à¥‚लों का संचालन निजी हाथों में सौंपने की योजना के पीछे शिकà¥à¤·à¤¾ की गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¨à¥‡ के अलावा सरकार और शासन की और कोई सोच निहित नहीं है। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में शिकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का हाल वेहाल हà¥à¤† है, उससे सà¤à¥€ à¤à¤²à¥€ à¤à¤¾à¥…ति परिचित हैं। यदि नहीं तो पास के सरकारी सà¥à¤•à¥‚ल की तसà¥à¤µà¥€à¤° को à¤à¤• बार à¤à¤¾à¤‚क के जरूर देख लीजिठसचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ आपके सामने होगी। पर सबाल इस बात का है कि आखिर सरकार के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शिकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के निजीकरण करने की नौबत कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ आई ? कà¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सरकारी सà¥à¤•à¥‚लों की हालत वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में खसà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¾à¤² हो चà¥à¤•à¥€ है? या फिर निजीकरण के पीछे राजनीति का वो अखाड़ा छà¥à¤ªà¤¾ हà¥à¤† है जो आज तो नहीं दिख रहा है पर शिकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का निजीकरण होते ही दिखने लगेगा। सरकारी सà¥à¤•à¥‚लों के निजीकरण के पीछे राजनीतिक धनà¥à¤¨à¤¾à¤¸à¥‡à¤ ों का सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ निहित हो या निशà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ ये तो योजना को अमलीजामा पहनाने के बाद जब योजना धरातल पर आयेगी तबी हम और आप इससे रूबरू हो पायेगें। पर शिकà¥à¤·à¤¾ नीति का जो खाका आगामी शिकà¥à¤·à¤¾ सतà¥à¤° के लिठतैयार किया जा रहा है वो निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को आहत करता है।
à¤à¤• तरफ à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने शिकà¥à¤·à¤¾ के लोकवà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€à¤•à¤°à¤£ हेतॠशालाओं में दरà¥à¤œ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ में वृदà¥à¤§à¤¿ à¤à¤µà¤‚ उनकी उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में निरनà¥à¤¤à¤°à¤¤à¤¾ तथा शालाओं में पढ़ने वाले बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को पोषण आहार उपलबà¥à¤§ कराने के साथ-साथ उनके पोषण सà¥à¤¤à¤° में सà¥à¤§à¤¾à¤° किठजाने हेतॠसाथ ही गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ अंचल की गरीब महिलाओं को सà¥à¤µà¤°à¥‹à¤œà¤—ार उपलबà¥à¤§ कराने के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से सà¤à¥€ शासकीय à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¦à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ शालाओं में मधà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¹ à¤à¥‹à¤œà¤¨ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® वरà¥à¤· 1995 में शà¥à¤°à¥‚ किया जिसमें à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार à¤à¤µà¤‚ राजà¥à¤¯ सरकार के संयà¥à¤•à¥à¤¤ संसाधनों से सà¤à¥€ शासकीय à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¦à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ शालाओं में पढ़ने वाले बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को कचà¥à¤šà¤¾ खादà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¨ वितरित किया जा रहा था। परनà¥à¤¤à¥ सà¥à¤•à¥‚लों में कचà¥à¤šà¥‡ खादà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¨ वितरण योजना में हà¥à¤ˆ धांधली के बाद ही माननीय सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ पर सà¥à¤•à¥‚लों में वरà¥à¤· 2001 से पका हà¥à¤† à¤à¥‹à¤œà¤¨ का वितरित किया जाने लगा। पर सरकार की इस योजना पर à¤à¥€ गà¥à¤°à¤¹à¤£ लगना शà¥à¤°à¥‚ हो चà¥à¤•à¤¾ है। मधà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¹ à¤à¥‹à¤œà¤¨ लागू होने की तिथि से à¤à¤²à¥‡ ही देश à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सरकारी सà¥à¤•à¥‚लों में दरà¥à¤œ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ में बढोतà¥à¤¤à¤°à¥€ के आंकडे या फिर गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में पोषण सà¥à¤¤à¤° सà¥à¤§à¤¾à¤° तथा गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ गरीब महिलाओं को सà¥à¤µà¤°à¥‹à¤œà¤—ार पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¥€ के आंकडे सरकार ने इकठà¥à¤ ा कर लिठहों पर धरातल की सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ कà¥à¤› और ही है। शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ की माने तो वे दवी जà¥à¤µà¤¾à¤¨ यह कहने में नहीं हिचकते कि जिस दिन से देश के सरकारी सà¥à¤•à¥‚लों में मधà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¹ à¤à¥‹à¤œà¤¨ शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤† है उस दिन से शिकà¥à¤·à¤¾ का सà¥à¤¤à¤° और गिरा है, देश और पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सरकारी सà¥à¤•à¥‚लों की धरातल पर तसà¥à¤µà¥€à¤° देखी जाये तो सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ सामने होती है। पर इस सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ पर सरकारों के सरकारी आंकडों की बाजीगरी à¤à¤¾à¤°à¥€ पढ़ती दिखाई देती है।
पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सà¥à¤•à¥‚लों के निजीकरण की खबरों से à¤à¤²à¥‡ ही शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ की नींद उड़ा दी हो पर यही शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥ सरकार को जी à¤à¤° के कोष रहें है। और कोषने का करण à¤à¥€ सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• ही जान पढ़ता है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ कि à¤à¤²à¥‡ ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने सà¥à¤•à¥‚लों में राजà¥à¤¯ सरकार के संयà¥à¤•à¥à¤¤ संसाधनों से मधà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¹ à¤à¥‹à¤œà¤¨ शà¥à¤°à¥‚ कर दिया है, और इसके परिणाम à¤à¥€ कागजों में सारà¥à¤¥à¤• दिखााई देते हों पर इसकी हकीकत की कहानी पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का हर सà¥à¤•à¥‚ल वंया करता है, सरकार की मंशानà¥à¤°à¥‚प निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से सà¥à¤•à¥‚लों में दरà¥à¤œ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ में बढोतà¥à¤¤à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ होगी और गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ महिलाओं को सà¥à¤µà¤°à¥‹à¤œà¤—ार के साधन à¤à¥€ उपलबà¥à¤§ हो गये होंगें पर देश और पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सरकारी सà¥à¤•à¥‚लों में शिकà¥à¤·à¤¾ को वो माखौल उड़ाया जा रहा है जिसकी तसà¥à¤µà¥€à¤° हाथ में काॅपी ओर पेन की जगह कटोरी और थाली दिखाई देती है। à¤à¤²à¥‡ ही डाट फटकार के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को मधà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¹ मिलने के समय से अवगत करा दिया जाता हो पर उनके मन और मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• पर वहीं तसà¥à¤µà¥€à¤° दिखाई देती कि कितने समय मधà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¹ à¤à¥‹à¤œà¤¨ की थाली, à¤à¥‹à¤œà¤¨ से à¤à¤°à¥€ होगी। इस बीच विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ के विदà¥à¤¯à¤¾ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ में अगर कोई अवरोध खडा होता है तो वो मधà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¹ à¤à¥‹à¤œà¤¨ ही होता है। जिसे शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अनदेखा इसलिठकिया जाता है कि वे शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥ सरकार और शासन के ही अंग होते हैं। बहरहाल सरकार ने पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सरकारी सà¥à¤•à¥‚लों को निजी हाथों में सौंपने के पीछे सरकार की मंशा चाहे कà¥à¤› à¤à¥€ हो पर जब तक देश और पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सरकारी सà¥à¤•à¥‚लों से बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के हाथ से थाली ओर कटेारी को नहीं छीना जावेगा तब तक देश की सरकारी शिकà¥à¤·à¤¾ इसी तरह नित नये पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—ों को जनà¥à¤® देती रहेगी। यह कहना à¤à¥€ अतिशà¥à¤¯à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¿ नहीं होगी कि पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सरकारी सà¥à¤•à¥‚लों में शिकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ मासूम बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के हाथों में थाली ओर कटोरी à¤à¤µà¤‚ उसमें रखे खाने तक सीमित नहीं है, बलà¥à¤•à¤¿ इस वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से जà¥à¤¡à¥‡à¤‚ उन लोगों का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ à¤à¥€ 100 गà¥à¤°à¤¾à¤® चावल और 100 गà¥à¤°à¤¾à¤® दाल को बचाने में रखा रहता है, और टूट जाती हैं मासूम बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ और उनके माता-पिता की आकांकà¥à¤·à¤¾à¤à¤‚ जो हर रात सोते समय अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के लिठदेखी जाती हैं। सरकारी आंकडों की माने तो मिड-डे मील योजना दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की सबसे बड़ी योजना है, जिसके अंतरà¥à¤—त देश के 13 लाख सरकारी सà¥à¤•à¥‚लों में 12 करौड़ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को दोपहर का पोषà¥à¤Ÿà¤¿à¤• à¤à¥‹à¤œà¤¨ पकाकर खिलाया जाता है, पर इस योजना की à¤à¤¯à¤‚कर लापरवाही के कारण देश के सरकारी सà¥à¤•à¥‚लों में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· हजारों बचà¥à¤šà¥‡ जहरीले खाना का शिकार हो जाते हैं। जिसका कारण साफ है कि उन शिकà¥à¤·à¤¾ माफियाओं का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ à¤à¥€ उसी 100 गà¥à¤°à¤¾à¤® दाल और 100 गà¥à¤°à¤¾à¤® चावल को बचाने के में लगा रहता है। और इस बीच दम तोंड़ देती हैं सरकार की वे योजनाà¤à¤‚ जो धरातल में सà¥à¤§à¤¾à¤° के सपने संजोठरहती हैं। हालांकि सरकार और शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥ यह à¤à¤²à¥€ à¤à¤¾à¥…ति जानते हैं कि देश आरे पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में संचालित मधà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¹ à¤à¥‹à¤œà¤¨ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ ने शिकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को चौपट करके रख दिया है फिर à¤à¥€ राजनीति के वो चेहरे कà¤à¥€ आवाज इसलिठनहीं उठाते कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ कि उनके पीछे का दरवाजा इसी मधà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¹ à¤à¥‹à¤œà¤¨ के गौदाम की ओर खà¥à¤²à¤¤à¤¾ हैं। शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ की माने तो सरकार के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निजीकरण का खाका तैयार करने पीछे सरकार की नाकामी à¤à¥€ हो सकती है, जो इस शिकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¤‚तà¥à¤° पर अपने नित नये पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—ों की मà¥à¤¹à¤° लगाकर वाहवाही लूटना चाह रही है। शिकà¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में सà¥à¤§à¤¾à¤° की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं के बीच सरकार शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ की नाराजगी का शिकार तो हो ही रही है। बलà¥à¤•à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सरकारी सà¥à¤•à¥‚लों में मधà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¹ à¤à¥‹à¤œà¤¨ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में सà¥à¤§à¤¾à¤° के सà¥à¤° à¤à¥€ उठने लगे हैं। शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ की माने तो पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सरकारी सà¥à¤•à¥‚लों में सà¥à¤§à¤¾à¤°, सरकार के निजीकरण की योजना से नहीं होने वाला है, बलà¥à¤•à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के सà¥à¤•à¥‚लों में मधà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¹ à¤à¥‹à¤œà¤¨ योजना में सà¥à¤§à¤¾à¤° कर मधà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¹ à¤à¥‹à¤œà¤¨ की राशि सà¥à¤•à¥‚ली बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के सीधे खाते में डाल दी जावे, जिससे शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ à¤à¥€ मूल रूप से इस वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से हट जाय और मधà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¹ à¤à¥‹à¤œà¤¨ में कमीशनखोरी का खेल à¤à¥€ खतà¥à¤® हो जाय। à¤à¤¸à¥‡ ही कई तरह के सà¥à¤§à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की सरगरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¤¾ अब तेज हो चà¥à¤•à¥€ हैं अब देखना होगा कि सरकार और शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ की इस लडाई में जीत किसकी होगी।