सामानà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ मई 2014 : राजà¥à¤¯ विशेष - राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨
- राजसमनà¥à¤¦ à¤à¥€à¤²– महाराणा जयसिंह दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सन 1669 से 1776 तक बनवायी गयी। चालीस लाख रूपठकी लागत की यह मेवाड़ की विशालतम à¤à¥€à¤²à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है। यह à¤à¥€à¤² राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के राजसमनà¥à¤¦ जिले में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। इस à¤à¥€à¤² के किनारे की सीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को हर तरफ से गिनने पर योग 9 ही होता है, इसलिठइसे नौचौकी कहा जाता है।
- राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ संघ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ 25 मारà¥à¤š, 1948 को हà¥à¤†à¥¤ जब कोटा, बूà¤à¤¦à¥€, à¤à¤¾à¤²à¤¾à¤µà¤¾à¥œ, बाà¤à¤¸à¤µà¤¾à¥œà¤¾, डूंगरपà¥à¤°, पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ªà¤—à¥, किशनगà¥, टोंक और शाहपà¥à¤°à¤¾ रियासतों के शासकों ने मिलकर 'राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ संघ' का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया। इसके राजपà¥à¤°à¤®à¥à¤– कोटा के महाराव और उपराजपà¥à¤°à¤®à¥à¤– डूंगरपà¥à¤° के महारावल को बनाया गया तथा इसकी राजधानी कोटा को बनाया गया।
- रणथमà¥à¤à¥Œà¤° राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ सवाई माधोपà¥à¤° जिले में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। यह उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ 392 वरà¥à¤— किमी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में फैला हà¥à¤† है। इस अà¤à¤¯à¤¾à¤°à¤£à¥à¤¯ में 'बाघ' मà¥à¤–à¥à¤¯ आकरà¥à¤·à¤£ है। सरिसà¥à¤•à¤¾ वनà¥à¤¯ जीवन अà¤à¤¯à¤¾à¤°à¤£à¥à¤¯ अलवर जिले में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। यहाठ1979 से बाघ परियोजना चलाई जा रही है। यहाठका 'टाइगर डेन' पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ रेसà¥à¤Ÿ हाउस है।
इस अंक में ...