'जनता के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿' और महान वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• डॉ. à¤.पी.जे. अबà¥à¤¦à¥à¤² कलाम अब हमारे बीच नहीं हैं। पिछले दिनों à¤à¤• शैकà¥à¤·à¤£à¤¿à¤• संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ देते समय उनके सीने में अचानक दरà¥à¤¦ हà¥à¤† और वे संसार छोड़ गये। सीने में दरà¥à¤¦ उठने और बेसà¥à¤§ हो; गिरने से पहले उनके आख़िरी शबà¥à¤¦ थे "धरती को जीने लायक कैसे बनाया जाये?"
उनके ये अंतिम शबà¥à¤¦ हमारे लिये कई पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ छोड़ गये हैं।
अपनी पूरी उमà¥à¤° देश और मानवता की à¤à¤²à¤¾à¤ˆ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर चà¥à¤•à¥‡ इस शांतिदूत के अंतिम शबà¥à¤¦ इस बात का पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ हैं कि चाहे हमने कितनी ही पà¥à¤°à¤—ति कर ली हो, लेकिन हम इस संसार को बद से बदतर होने से नहीं बचा पाये।
हमें डॉ. कलाम को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जली सà¥à¤µà¤°à¥‚प उनके अंतिम शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ पर मनन करना चाहिठऔर 'धरती को जीने लायक' बनाने के लिठअपने सà¥à¤¤à¤° पर काम करने शà¥à¤°à¥‚ करने चाहिà¤à¥¤ यहाठयाद रहे, "बूà¤à¤¦-बूà¤à¤¦ से ही घड़ा à¤à¤°à¤¤à¤¾ है।"
यदि हम अपने सà¥à¤¤à¤° पर छोटे-छोटे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करना आरमà¥à¤ कर दें, तब à¤à¥€ काफ़ी हद तक इस कारà¥à¤¯ को अंजाम दे सकते हैं। अपने चरितà¥à¤° में ईमानदारी और अपने कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में पारदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾ लाकर हम 'धरती को रहने लायक' बनाने में सहयोग कर सकते हैं। यही हमारी ओर से इस मानवता के पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ को उचित शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जली होगी। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकानंद के बाद यदि किसी महापà¥à¤°à¥à¤· के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों और तरीकों को à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनमानस ने अंगीकार किया है, अपने जीवन में उतारा है, तो वे डॉ. कलाम हैं।
डॉ. कलाम ने अपने कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° से à¤à¤• लमà¥à¤¬à¥‡ अरसे तक देश ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° के लोगों को बहà¥à¤¤ कà¥à¤› सिखाया और सदियों तक सिखाते रहेंगे। करोड़ों यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को ऊरà¥à¤œà¤¾ दी, उनकी ज़िंदगियाठसà¤à¤µà¤¾à¤°à¥€à¥¤ उनकी इचà¥à¤›à¤¾ थी कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उनके दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से जाने के बाद à¤à¤• 'टीचर' के रूप में ही याद किया जाये। और संयोग देखिये, क़à¥à¤¦à¤°à¤¤ ने à¤à¥€ उनकी इचà¥à¤›à¤¾ का मान रखा कि वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ के दौरान ही उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अंतिम सांस ली।
हमें संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° संघ के इस फैसले का à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤—त करना चाहिà¤, जिसमें उसने डॉ. कलाम के जनमदिवस को 'विशà¥à¤µ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की। हम सà¤à¥€ देशवासी उसके इस फैसले के आà¤à¤¾à¤°à¥€ हैं।
ईशà¥à¤µà¤° से हमारी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ हैं कि वह डॉ. कलाम को अपने पास उसी पà¥à¤¯à¤¾à¤° व समà¥à¤®à¤¾à¤¨ से रखे जैसा हमने यहाठरखा।
जà¥à¤žà¤¾à¤¨ मंजरी परिवार की ओर से à¤à¥€ इस महामानव को नमन!