किताबें कुछ कहना चाहती हैं

किताबों में चिड़िया चहचहाती है,
किताबों à¤®à¥‡à¤‚ खेतियां लहलहाती हैं ।

किताबों में झरने गुनगुनाते हैं, 
परियों के किस्से सुनाते हैं।

किताबों में रॉकेट का राज है, 
किताबों में साइंस की आवाज है à¥¤

किताबों का कितना बड़ा संसार है,
किताबों में ज्ञान की भरमार है à¥¤

क्या तुम इस संसार में नहीं जाना चाहोगे?

किताबें कुछ कहना चाहती हैं,
तुम्हारे पास रहना चाहती हैं  à¥¤

- सफदर हाशमी


लेखक परिचय :
मनोज कुमार सैनी
फो.नं. -9785984283
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