आà¤à¤–ों ने किसी ग़ैर से परदा नहीं किया
पर तेरे सिवा और को देखा नहीं किया
तकिये तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ याद के पà¥à¤–़à¥à¤¤à¤¾ सà¥à¤¬à¥‚त हैं
कैसे कहूठकि मैं कà¤à¥€ रोया नहीं किया
जबसे पड़ी है कांधों पे घर की ज़रूरतें
रातों में कà¤à¥€ चैन से सोया नहीं किया
इक तà¥à¤®à¤•à¥‹ याद करने की आदत-सी हो गयी
वैसे तो आज तक कोई नशà¥à¤¶à¤¾ नहीं किया
ख़à¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤ इधर-उधर से यूठही मिलतीं रहीं हैं
ख़à¥à¤¶ होने का सबब कोई ढूà¤à¤¢à¤¾ नहीं किया
कोशिश रही सदा कि बà¥à¤°à¤¾ हो न किसी का
डाली से à¤à¤• फ़ूल à¤à¥€ तोड़ा नहीं किया
अनमोल बेटियाठही हैं हर घर की बरकतें
जबकि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ किसी ने à¤à¥€ सोचा नहीं किया