स्याही फेंकने वाला घोंघा

हिन्द महासागर के घोंघों की आत्मरक्षा का तरीका देखकर आदमी को महान आश्चर्य हो सकता है। प्रकृति ने उनके शरीर के पीछे की ओर एक थैली सी बनाई है जिसमें काली स्याही भरी रहती है। घोंघे जब चाहते हैं, इस स्याही को अपनी इच्छानुसार बाहर निकाल सकते हैं। कोथर नामक एक विशेष मछली इन घोंघों को अपना शिकार बनती है। घोंघा इनसे बचने के लिये स्याही का इस्तेमाल करता है। वह मछली के आगे इतनी जोर से स्याही फैंकता है कि धुंए की एक परत सी बन जाती है जिससे मछली को कुछ क्षणों के लिये दिखायी देना बंद हो जाता है। घोंघा के भागने के लिये इतना ही समय पर्याप्त होता है। 


लेखक परिचय :
मनोज कुमार सैनी
फो.नं. -9785984283
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