जिंदा है,
तो दिल à¤à¥€ धड़कता होगा?
आà¤à¤–ें हैं,
तो आà¤à¤¸à¥‚ à¤à¥€ आते होगें?
फिर à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ है,
कि
मैंने आज तक
उस इंसान को
रोते नहीं देखा?
न दिन, न रात में,
न सà¥à¤¬à¤¹, न शाम में,
दया आती है
उस इंसान पर
कि
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚
समाज ने उसे
मरà¥à¤¦
बना दिया?