मà¥à¤à¥‡ थोड़ी सी खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ मिलती हैं
और मैं वापस आ जाता हूं काम पर
जबकि पानी की खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से घास उà¤à¤°à¤¨à¥‡ लगती है
और नदियां à¤à¤°à¥€ हों, तो नाव चल पड़ती है दूर-दूर तक।
वहीं सà¥à¤–द आवाजें तालियों की
पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करती है नरà¥à¤¤à¤• को मोहक मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤“ं में थिरकने को
और चांद सबसे खूबसूरत दिखाई देता है
करवां चौथ के दिन चà¥à¤¨à¤°à¥€ से सजी सà¥à¤¹à¤¾à¤—नों को
हर शादी पर घोड़े à¤à¥€ दूलà¥à¤¹à¥‡ बन जाते हैं
और बड़ा à¤à¤¾à¤ˆ बेहद खà¥à¤¶ होता है
छोटे को अपनी कमीज पहने नाचते देखकर
à¤à¤• थके हà¥à¤ आदमी को खà¥à¤¶à¥€ देती है उसकी पतà¥à¤¨à¥€
घर के दरवाजे के बाहर इंतजार करती हà¥à¤ˆ
और वैसी हर चीज हमें खà¥à¤¶à¥€ देती है
जिसे सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤°à¤¤à¥‡ हैं हम पà¥à¤¯à¤¾à¤° से।