काम
छोटे-छोटे पल मिलकर, à¤à¤• दिन और फिर à¤à¤• वरà¥à¤· बनते हैं, इन छोटे-छोटे पलों में किये गये काम, वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में बड़े दिखाई देते हैं।
जलà¥à¤¦à¤¬à¤¾à¤œà¥€
जलà¥à¤¦à¤¬à¤¾à¤œà¥€ से हमारे दवारा किये गये कारà¥à¤¯ ओस की तरह हलà¥à¤•à¥‡ होने लगते हैं। ये बजाठहमें कà¥à¤› देने के, हमारा साथ छोड़ने लगते हैं।
रासà¥à¤¤à¥‡
जो रासà¥à¤¤à¥‡ आसान होंगे, वहाठहमेशा à¤à¥€à¤¡à¤¼ दिखाई देगी और मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² रासà¥à¤¤à¥‡ हमेशा सà¥à¤¨à¤¸à¤¾à¤¨à¥¤
उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤
जिस तरह से उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पीछे हम à¤à¤¾à¤— रहे होते हैं, उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¥€ हमारे पीछे à¤à¤¾à¤— रही होती है। मजबूत हाथों को वजनदार उपलबà¥à¤§à¥à¤¯à¤¿à¤¾à¤ मिलती हैं à¤à¤µà¤‚ कमजोर को हलà¥à¤•à¥€à¥¤
सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿
होंठबनà¥à¤¦ कर लेने से बात वहीं खतà¥à¤® हो जाती है। यादों को à¤à¥‚ला दिये जाने से दà¥à¤– कà¥à¤› कम। इस तरह से सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ को विसà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ में बदलने की कला विवादों को नषà¥à¤Ÿ कर देती है।
तरीका
सà¤à¥€ का अपना-अपना कोई पà¥à¤°à¤¿à¤¯ तरीका होता है, सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ आराम की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में रहकर काम करने का। इससे दूर होने या अवरोध होने पर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कषà¥à¤Ÿ होता है।
बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨
बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥‚ से ही जानते हैं कि यह रासà¥à¤¤à¤¾ उनके हक में नहीं है और मूरà¥à¤– ठोकर खाने के बाद।