रात जिसने दिखाये थे
हमें सà¥à¤¨à¤¹à¤°à¥‡ सपने
किसी अजनबी पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के
कैसे लौटा पायेंगे
उसकी सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤¿à¤® रोशनी
कैसे लौटा पायेंगे
चॉंद- सूरज को उनकी चमक
समय की बीती हà¥à¤ˆ उमà¥à¤°
फूलों को खà¥à¤¶à¤¬à¥‚
à¤à¤°à¤¨à¥‹à¤‚ को पानी और
लोगों को उनका पà¥à¤¯à¤¾à¤°
कैसे लौटा पायेंगे
खेतों को फसल
मिटà¥à¤Ÿà¥€ को सà¥à¤µà¤¾à¤¦
पौधों को उनके फल
à¤! धरती तà¥à¤®à¥à¤¹à¥€à¤‚ बताओ
कैसे चà¥à¤•à¤¾ पायेंगे
तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ इतना सारा ऋण।