अंक अप्रैल 2014
मानव मन सदियों से जिज्ञासाओं की खोज में रहा है। वह अनन्त प्रश्नों की बौछारों से भीगता रहा है,जो चिरंतन आज भी जारी है। वह हर जिज्ञासा में स्वयं की संतुष्टि को तलाशता रहा है। उसके हर समाधान में अतृप्त रह जाने वाली तीक्ष्ण मेद्या ....
इस अंक में ...